खरीद लक्ष्य को पूरा करने भर रहे गोदाम, जबकि पिछले वर्ष का आज भी रखा ११ लाख क्विंटल गेहूं

जिले के खरीद केंद्रों को १ अप्रेल से शुरू किया गया है। ६० हजार से अधिक किसानों द्वारा १०४ केेंद्रों पर समर्थन मूल्य के तहत गेहूं बेचने किसान जाने लगे है।

<p>Qualityless wheat being purchased arbitrarily by surveyors and committee managers</p>


टीक मगढ़.जिले के खरीद केंद्रों को १ अप्रेल से शुरू किया गया है। ६० हजार से अधिक किसानों द्वारा १०४ केेंद्रों पर समर्थन मूल्य के तहत गेहूं बेचने किसान जाने लगे है। गेहूं की गुणवत्ता परखने के लिए नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा सर्वेयरों को नियुक्त किया गया है। लेकिन सर्वेयरों द्वारा चमकविहीन गेहूं खरीद कर परिवहन किया जा रहा है। लेकिन उसके पहले जिम्मेदारों द्वारा खरीद किए गए गेहूं की गुणवत्ता को जांच ने का कार्य नहीं किया जा रहा है। अगर समय रहते खरीद किए गए गेहूं की गुणवत्ता नहीं जांची गई तो आगामी दिनों में जिला प्रशासन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि पिछले वर्ष २०१९-२० और २०२०-२१ का गेहूं आज भी वेयर हाउसों में पड़ा है। जिसे उठाने में प्रशासन तरह-तरह की कमियों को बता रहा है।
गेहूं की पैदावार इस वर्ष कम और कमजोर हुई है। जिसके कारण अनाज का वजन कम बताया जा रहा है। किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष एक एकड़ में ४० से लेकर ४५ फीसदी तक पैदावार होती थी। लेकिन इस बार गेहूं की पैदावार २० से २५ फीसदी ही हुई है। समर्थन मूल्य में अनाज बेचने के लिए ६० हजार ५६० किसानों द्वारा पंजीयन बनवाए गए है। लेकिन अनाज कमजोर होने के कारण सर्वेयर उन्हें फैल कर रहे है। वहीं समिति प्रबंधक और सर्वेयरों की मनमानी के कारण हजारों क्विंटल गुणवत्ताहीन गेहूं को समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा है। जिसकी शिकायतें किसानों द्वारा खाद विभाग के साथ संबंधित अधिकारियों को प्रतिदिन की जा रही है। लेकिन मामले को लेकर उर्पाजन एजेंसी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। खरीदे गए गेहूं की गुणवत्ता परखने के लिए ना तो नागरिक आपूर्ति अधिकारी पहुंच रहे है और ना ही खाद विभाग जा रहा है। घर बैठे गेहूं क्वालिटी की जांच स्वीकृति पत्रक जारी कर परिवहन कर रहा है।
खरीदे गए गेहूं की नान नहीं कर रहा जांच
नागरिक आपूर्ति निगम गेहूं की क्वालिटी की जांच कर स्वीकृति पत्रक जारी करता है। लेकिन नान के कर्मचारी गेहूं जमा के समय कभी किसी गोदाम और वेयर हाउस पर नहीं पहुंच रहा है। बिना देखे ही घर बैठकर स्वीकृति पत्रक जारी किए जा रहे है। जिसको लेकर समिति प्रबंधक और सर्वेयर खरीद में मनमानी कर रहे है। नान की लापरवाही से गोदामों में जमा कराए जा रहे अमानक स्तर के गेहूं को भारतीय खाद्य निगम एफसीआइ कभी स्वीकार नहीं करेगा। यह गेहूं गुणवत्ता को लेकर गोदामों में पड़ा रहेगा। जिससे कभी खाली गोदाम नहीं मिलेगे। समय रहते जिम्मेदार विभाग द्वारा खरीदे गए गेहूं की जांच नहीं की तो शासन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। जबकि शासन के निर्देश है कि चमकविहीन गेहूं को अलग रखा जाए।
ेवर्ष २०१९-२० और २०२०-२१ आग भी गोदामोंं पड़ा ११ लाख क्विंटल अनाज
जिले की कृषि उपज मंडी टीकमगढ़ वेयर हाउस, पलेरा वेयर हाउस, बडागांव धसान वेयर हाउस, बडौराघाट और जतारा वेयर हाउस में वर्ष २०१९-२० और २०२०-२१ में समर्थन मूल्य के तहत खरीदा गया गेहूं जमा है। वेयर हाउसों में पुराना रखा गेहूं जिले की पीडीएस के रूप में दो वर्ष तक पूर्ति करेगा। लेकिन उसे उठाने में परहेज किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि वह गेहूं गुणवत्ता ठीक नहीं होने से उठ नहीं पाएगा। अगर समय रहते इस खरीदी में सक्रियता नहीं बर्ती गई तो यही हाल इस गेहूं का होगा।


किसी का छन्ना तो किसी की सीधी हो रही तुलाई
फुटेर के शिवनगर, पलेरा के आलमपुरा, बड़ागांव धसान के ककरवाहा, डिकोली, जतारा के दिगौड़ा, मुहारा, बडागांव खुर्द, कुमरऊ खिरिया, बम्हौरी बराना और लिधौरा के साथ अन्य खरीद केंद्र पर कई बार छन्ना लगाया जा रहा है। वहीं सैकड़ों किसानों का गेहूं बगैर छन्ना लगाए खरीद किया जा रहा है। जिसकी शिकायतें सीएम हेल्पलाइन के साथ एसडीएम और कलेक्टर से शिकायतें की गई है। जबकि खरीद की सारणी में गेहूं १ अप्रेल से आज तक एक भी क्विंटल अनाज फैल नहीं किया गया है।
यह है खरीद की स्थिति
जिले में १८ लाख क्विंटल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। १५ अप्रेल तक २ लाख, १६ हजार ११९ किलो ३२ ग्राम अनाज ६ हजार २९ किसानों द्वारा समर्थन मूल्य में बेचा गया है। खरीद में ना तो गुणवत्ता देखी जा रही है और ना ही वेयर हाउसों में गेहूं जमा करने के लिए स्वीकृति पत्रक देने के लिए अधिकारी पहुंच रहे है।
इन विभागों की है जिम्मेदारी
उपार्जन एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम, मप्र वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पेरेशन, जिला विपणन अधिकारी, खाद्य विभाग, उपायुक्त सहकारिता विभाग, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक, कृषि विभाग, कृषि उपज मंडी सचिव और नजूल विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
इनका कहना
लगातार खरीद केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। उनकी मनमानी को रोका जाएगा। शासन के निर्देशों पर ही कार्य किा जाएगा। अगर सर्वेयरों और समिति प्रबंधकों द्वारा अमानक गेहूंं की खरीद की जा रही है तो जांच की कार्रवाई की जाएगी। तहसीलदारों को निरीक्षण करने के निर्देश दिए जाएगें।
विकास आनंद डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी खाद्य विभाग टीकमगढ़।
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