सोयाबन और उड़द की फसल हुई खराब, खेतों पर सर्वे के लिए नहीं पहुुंची राजस्व की टीम

जिले में २ लाख ३१ हजार हैक्टेयर में खरीफ की फसलों को दो बार बोया गया था। समय पर बारिश नहीं से खेतों में खड़ी फसलें सूख गई है। जो फसले दोवारा बोई गई है।

<p>PM crop insurance and strike of patwaris tied up</p>

टीकमगढ़.जिले में २ लाख ३१ हजार हैक्टेयर में खरीफ की फसलों को दो बार बोया गया था। समय पर बारिश नहीं से खेतों में खड़ी फसलें सूख गई है। जो फसले दोवारा बोई गई है। उनमें कम मात्रा में फलियां दिखाई दे रही है। वहीं पीएम फसल बीमा भी कराया गया है। लेकिन फसलों के सर्वे करने अभी तक कोई अमला नहीं पहुंचा है। फसलों में अनाज की फलियां दिखाई नहीं देने से किसानों ने मवेशियों को छोडऩा शुरू कर दिया है।
वैसा और राजनगर निवासी राजाराम यादव, चंदभान यादव, प्रीतम नापित, सुरेश राजपूत, राजेश प्रजापति ने बताया कि पहली बार जून में खरीफ की फसलों को बोया गया था। लेकिन बारिश नहीं होने से वह खेतों में खराब हो गई थी। उसके बाद दोवारा जुलाई में फसल को बोया गया था। दोवारा बोई फसल के भी हाल ३० फीसदी खराब हो गए थे। ६० फीसदी फसल खेतों में लहरा रही थी। लेकिन पीले मौजिक और इल्लियां ने उस फसल को अपना शिकार बना लिया था। जिसके कारण खरीफ फसलें पोषण युक्त नहीं हो पाई। जिसके कारण किसानों ने उन फसलों में मवेशियों को छोड़ दिया है।
जुलाई से अगस्त तक किए गए पीएम फसल बीमा
किसान रमेश यादव, भरोस यादव, हटा निवासी रामेश्वर यादव, डारगुवा निवासी जगत सिंह लोधी ने बताया कि खरीफ फसलों का बीमा भी कराया गया है। जिन फसलों का बीमा कराया है। उन फसलों में एक भी अनाज की फलिया नहीं है। खेतों में डठल की तरह खड़ी है। मामले की सूचना बीमा कम्पनी के कर्मचारियों को दी गई है। लेकिन उनके द्वारा मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सूखा घोषित की चल रही खबरें
कुडीला निवासी गोकल सिंह, मलगुवां निवासी कालीचरण राजूपत, गनेशपुरा निवासी नवल यादव और बनयानी निवासी सुखलाल लोधी ने बताया कि इस वर्ष बारिश भी पर्याप्त मात्रा नहीं हुई है। कुंआ खाली पड़े है। खेत भी सूखे है। खरीफ फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने के कारण फसलें कमजोर दिखाई देने लगी है। सोशल मीडिया पर सूखा घोषित होने की खबरें चल रही थी। लेकिन सही जानकारियां नहीं मिल पा रही है।


फसलों में नहीं फलियां, तो मवेशियों को छोड़ा
किसानों ने बताया कि सोयाबीन और उड़द के बीजों को दो बार महंगे दामों में खरीदा था। खाद और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया था। लेकिन बारिश ने बीच में धोखा दे दिया था। जिसके कारण खेत में हरियाली तो छा गई है। लेकिन अनाज की फलियां दिखाई नहीं दे रही है। जिसके कारण रबी फसलों की तैयारी के लिए खेतों में मेविशयों को छोड़ दिया है।
सर्वे के लिए नहीं आए बीमा कम्पनी के लोग
गनेशपुरा निवासी मुन्नी लाल यादव, जमुना यादव, पप्पू यादव, राजेंद्र यादव, नारायणपुर निवासी नंद लाल प्रजापति, देशपत राजपूत, गोदू रैकवार, सुजानपुरा निवासी रामस्वरूप यादव, अच्छे लाल यादव, बृजमोहन यादव, राजेश यादव, फ ुटेर निवासी कमलेश यादव, राकेश यादव ने बताया कि उड़द, मूंग और सोयाबीन फसलों का बीमा कराया गया है। अब उन फसलों की फलियों में दाना नहीं आया है। वह पेड़ सूखने लगे है। किसानों ने फसल बीमा कम्पनी के लोगों से सर्वे कराने की मांग की थी। लेकिन उनके द्वारा सर्वे नहीं किया जा रहा है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.