जांच के नाम पर तमाशा बने बाहर से लौटे मजदूर,

सपनों को पूरा करने के लिए गए जिले के मजदूर कोरोना वायरस के चलते वापस अपने गांव लौट आए है।

<p>Health department employees performing formalities</p>

टीकमगढ़/बम्हौरीकलां.सपनों को पूरा करने के लिए गए जिले के मजदूर कोरोना वायरस के चलते वापस अपने गांव लौट आए है। उनके स्वास्थ्य परीक्षण सिर्फ तमाश बना हुआ। बल्कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा सिफ जांच के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है। यह हालात उप्र और मप्र बोर्डर के साथ स्वास्थ्य केंद्रों में देखने को मिले है।
नोवल १९ कोरोना वायरस महामारी घोषित होने के बाद लॉकडाउन के आदेश दिए है। बुंदेलखण्ड के हजारों मजदूर महानगरों के साथ दूसरे जिलों में मजदूरी करने पलायन कर गए थे। अब वह महामारी के कारण वापस लौटने लगे है। प्रशासन द्वारा उनकी उप्र और स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। लेकिन उनके द्वारा परीक्षण के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है। वहां सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की टीम को छोड़ पुलिस बल ही ईमानदारी से ड्यूटी निभा रहा है।

नाम पते ही कर रहे दर्ज, लक्षणों का नहीं दे रहे जानकारी
हजारों मजूदरों को पुलिस द्वारा पानी और भोजन व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही अपने घरों तक पहुंचने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराए जा रहे है। लेकिन डॉक्टरों की टीमों द्वारा मजदूरों के नाम पते और औपचारिकता में परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन पीडि़त को न तो उन्हें उनके लक्षण बताए जा रहे है और न ही स्वास्थ्य की जानकारी दी जा रही है। जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इन्होंने कराए भोजन के पैकेट उपलब्ध
जतारा एसडीओपी योगेंद्र सिंह भदौरिया, बम्हौरीकलां थाना प्रभारी मुकेश सिंह ठाकुर, कनेरा चौकी प्रभारी शैलेंद्र सिंह, पलेरा नायब तहसीलदार सत्यप्रकाश शुक्ला, रोजगार सहायक पंकज शर्मा द्वारा दिल्ली, हरियाणा, परवल, आगरा, सोनीपत, पानीपत के साथ अन्य जगहों से वापस लौट रहे मजदूरों को भोजन के पैकेट बांटे गए है।
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