गांव में शुरू हुई पेयजल समस्या, कोरोना संक्रमण के बीच पेयजल समस्या होने से परेशान है ग्रामीण

ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट गहराने लगा है। पेयजल पूर्ति करने के लिए गांव के लोगों को रतजगा के साथ दोपहर परिश्रम करना पड़ रहा है।

<p>Hand pumps not improving, department not paying attention even after complaint</p>


टीकमगढ़.ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट गहराने लगा है। पेयजल पूर्ति करने के लिए गांव के लोगों को रतजगा के साथ दोपहर परिश्रम करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर नलजल योजना से नल लाइन तो बिछाई गई है। लेकिन कनेक्शन नहीं होने स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई गांवों में तो हैंडपंप शोपीस खड़े है। जिनका सुधान भी नहीं किया जा रहा है। पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीणों ने संबंधित विभाग को शिकायतें भी है। लेकिन मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
टीकमगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत अजनौर निवासी अमर सिंह लोधी, परम लाल राजपूत, सुनील लोधी, नीलू राजपूत, रामश्वर जमींदार, हनुमत जमींदार, उदयभान अहिरवार, सूरज अहिरवार, देशू अहिरवार, घनश्याम अहिरवार, वीरसिंह लोधी ने बताया कि अजनौर के गल्लन मोहल्ला में पेयजल संकट छाया हुआ है। एक ही हैंडपंप से सैकड़ों को लोगों को पेयजल लेना पड़ता है। अगर हैंडपंप जबाव दे जाए तो डेढ़ किमी दूर खेतों पर बने कुओं से लाना पड़ता है। जबकि प्रशासन ने दो वर्षो से क्षेत्र के प्रत्येक गांव में पेयजल व्यवस्थाएं कर दी है। लेकिन अजनौर गांव के लोग आज भी पेयजल के लिए गांव के साथ खेतों पर जा रहे है।
पिछले तीन साल पहले पूर्व विधायक ने की थी पेयजल की व्यवस्था
ग्रामीणों का कहना था कि पेयजल संकट गांव छाया हुआ है। एक हैंडपंप के भरोंसे आधा से ज्यादा गांव रहता है। पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव ने गांव के व्यक्ति का कु आं अधिग्रहण किया था। उससे ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन बिछाई थी। लेकिन ग्रामीणों ने उस पाइप लाइन को उखाडकर अपने निजी उपयोग में लगा लिया है। इसके साथ ही खण्डहर पड़े हैंडपंपों के बेश को उखाड़कर जगह बना ली है। शिकायतें भी की गई। लेकिन पीएचई विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।


राधापुरा ग्राम पंचायत के पौटेया में दो हैंडपंप एक खराब
पौटेया निवासी लाडली लोधी, इंद्रा, भनका, मीरा राजपूत, पप्पू पाल, मठुआ अहिरवार, अरवेंद्र लोधी, महेंद्र सिंह, मन्नू, सुरेंद्र सिंह, देवेंद्र, वीरन अहिरवार ने बताया कि पौटेया गांव राधापुरा ग्राम पंचायत में आता है। इस गांव में सैकड़ों परिवार रहते है। जिसमें दो हैंडपंप लगाए गए है। एक हैंडपंप ही पेयजल उपलब्ध कराता है। वह भी कभी-कभी हवा देने लगता है। पाइप लाइन नहीं होने से पेयजल संकट छा गया है। पानी नहीं होने के कारण नहाने के लिए बगाज माता बांध पर जाने लगे है। पेयजल उपलब्ध कराने की मांग ग्रामीणों ने कलेक्टर से की है।
बल्देवगढ़ में नलजल योजना बंद
बल्देवगढ़ जनपद पंचायत के देवरदा मोहल्ला छतरपुर रोड़ पर पेयजल के लिए भीड़ देखी गई है। जगदीश अहिरवार और मकुंदी अहिरवार ने बताया कि देवरदा गांव में पेयजल की सुविधाएं है। लेकिन मोहल्ला में नहीं है। हैंडपंप के भरोसे ही रहते है। इसके साथ ही पथरगुवां, मातौल खास, टपरन, रमपुरा, फुटेर चंक्र दो, इमलिया के साथ अन्य गांव में पेयजल संकट दिखाई दे रहा है। जहां नलजल योजनाएं बंद पड़ी है। उनका सुधार कराने के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बल्देवगढ़ नगर में भी पेयजल समस्या
नगद पंचायत में पेयजल के लिए नललाइन बिछाई गई है। लेकिन नल लाइन समय पर चालू नहीं होने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ता है। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बारह पानी लेने के लिए कई डिब्बें रखने हुए है। लेकिन नललाइन बंद थी।
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