पंचायत में मजदूरी मिलने की उम्मीद से नहीं आए, प्राण बचाने के लिए आए घर
दिल्ली के पलबल से आए है। अब बड़ागांव धसान की ओर गांव है। वहीं के लिए नया बस स्टैंड पर साधन का इंतजार कर रहे है। सागर बस जाने वाली है उसमें बैंठकर जाएगें। अच्छा काम छोड़कर घर की ओर वापस हुए है। ग्राम पंचायत में मजदूरी मिले। उसकी उम्मीद से नहीं लौटें। ग्राम पंचायत में रोजगार गारंटी के निर्माण कार्यो में नाम तो दर्ज होगा। लेकिन मजदूरी नहीं मिलेगी। सभी मशीनों से होगें।
कही नहीं हुई चैकिंग
बाहर से आए मजदूर रामनरेश अहिरवार और पुष्पेंद्र अहिरवार ने बताया कि पिछले वर्ष पैदल चलकर घर १० दिनों में पहुंचे थे। २० से ५० किमी की दूरी पर थर्मल स्क्रीनिंग से जांच होती थी। जबकि इस वर्ष से कम संक्रमण थे। लेकिन इस वर्ष तो संख्या एक महीनों में अधिक पहुंच गई है। इसके बाद भी कोई जांच नहीं की गई। बसों में भी कोई रोक छेड़ नहीं हुई। उनमें ना तो सोशल डिस्टेंस रखा गया और ना ही मुंह पर मास्क लगाने के लिए जागरूक किया गया। बस स्टैंड पर जिले की पुलिस तैनात है। उसके द्वारा मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।