पेयजल और छांव की खरीद केंद्रों पर नहीं है व्यवस्थाएं

जिले में ६० हजार ६९७ किसानों के लिए १०४ खरीद केंद्र बनाए गए है। जहां दो केंद्र को छोड़ १०३ केंद्रों को चालू किया गया है।

<p>Falling crop, trouble will reach the target</p>


टीकमगढ़.जिले में ६० हजार ६९७ किसानों के लिए १०४ खरीद केंद्र बनाए गए है। जहां दो केंद्र को छोड़ १०३ केंद्रों को चालू किया गया है। संबंधित केंद्र के किसान उपार्जन खरीदी में अनाज बेचने के लिए चक्कर लगा रहे है। इसके बाद भी केंद्र अभी तक चालू नहीं कराया गया है। वहीं कई केंद्रों पर पेयजल और छांव व्यवस्थाएं नहीं है। इसके साथ ही पैदावार कम और दाना कमजोर होने से खरीद लक्ष्य तक पहुंचने में परेशानी आने की चिंता संबंधित विभागों को सता रही है। वहीं छन्ना को लगाया गया है।
जिले में २१ सौ ३१ किसानों ने ७० हजार क्विंटल के करीब उपार्जन केंद्रों पर अनाज बेचा है। केंद्र पर अनाज को पास करने में कई प्रकार की समस्याएं आ रही है। उसके लिए छन्ना को लगाया गया है। छन्ना से साफ और अच्छे दानों के अनाज को पास कर समर्थन मूल्य में बेचा जा रहा है। जिसके परिवहन की तैयारी भी की जा रही है। लेकिन किसानों को बैठने और पीने के लिए पानी की व्यवस्था में लापरवाही हर एक केंद्रों पर देखने को मिल रही है। पानी के लिए मटकों को रखा गया है। लेकिन वह खाली पड़े हुए है। वहीं फुटेर, टौरी, गोर, लार बंजरया, बडागांवखुर्द, सुजानपुरा, कुमरऊखिरिया के साथ अन्य केंद्र सुविधा बिहीन पड़े है। जहां किसानों छांव के लिए पेड़ों और भवनों की दीवारों का सहारा लेना पड़ रहा है।
एक क्विंटल पर आधा किलो ले रहे अधिक गेहूं
फुटेर केंद्र एक और शिवनगर मातौल कें द्र दो पर किसानों से अधिक तौल ली जा रही है। यही हाल कुमरऊखिरिया, गोर, दिगौड़ा, बैरवार, कुडयाला में भी है। अधिक तौल के कारण किसानों को नुकसान पहुंच रहा है। किसानों ने गेहूं की तौल सही करने की बात कही। लेकिल सर्वेयरों द्वारा गेहूं को फैल करने की धमकी दी जा रही है। जिसके कारण किसान शिकायत भी नहीं कर पा रहे है।
कमजोर गेहंू आने से केंद्रों पर हो रहा फैल
जिले में इस वर्ष गेहूं की पैदावार कम और कमजोर दानों में हुई है। उसी फसलों का किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं अनाज उपार्जन केंद्र पर समर्थन मूल्य में जाता है। लेकिन सर्वेयरों द्वारा उसे फैल किया जाता है। जिसके कारण किसान वह अनाज वापस लाते है। फिर उसी अनाज को औने पौने दामों में बेच देते है।


खरीद लक्ष्य में आएगी समस्या
उपार्जन खरीदी में गेहूं खरीद का ४ लाख १० हजार क्विंटल का लक्ष्य रखा है। लेकिन पैदावार कम और दाना कमजोर होने के कारण लक्ष्य तक पहुंचने में परेशानियां आ रही है। केंद्रों पर छन्ना भी लगाए गए है। लेकिन छन्ने में आधे से अधिक गेहूं के दाने खराब और कमजोर निकल रहे है। जिसके कारण पंजीयन पर गेहूं पूर्ण मात्रा में नहीं आ पा रहा है। जिसके कारण इस वर्ष लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल नजर आ रहा है।
१० दिन बाद शुरू नहीं हुआ विपणन का खरीद केंद्र
शहर के नजदीक कृषि उपज मंडी में विपणन सहकारी समिति के दो खरीद केंद्र बनाए गए थे। लेकिन वह खरीद केंद्र १० अप्रेल तक शुरू नहीं हो पाए है। इसके साथ ही केंद्रों पर कोई कर्मचारी भी नहीं है। जिसके कारण किसानों को पूछतांछ में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र नहीं खुलने के कारण किसान औने पौने दामों में मंडी में अनाज को बेचना पड़ रहा है।
प्रतिदिन भेजे जा रहे मैसेज
कृषि उपज मंडी में विपणन सहकारी समिति मयादित के दो केंद्र गेहूं उर्पाजन के लिए बनाए गए। इसी केंद्रों पर १५ सौ के करीब किसान पंजीकृत है। जिन्हें मैसेज भी भेजे जा रहे है। लेकिन केंद्र शुरू नहीं कराया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि उन केंद्रों पर सोमवार से खरीद शुरू की जाएगी।
इनका कहना
कृषि उपज मंडी के केंद्रों को दूसरी समितियों में जुडवा दिया है। सोमवार से खरीद शुरू की जाएगी। इसके साथ ही जहां-जहां खरीद केंद्र संचालकों द्वारा तौल से अधिक किसानों से अनाज लिया जा रहा है। उनकी जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही केंद्रों पर किसानों को मिलने वाली सुविधाओं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाएगें।
सुभाष कुमार द्विवेदी कलेक्टर टीकमगढ़।
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