दरअसल, 18 संगठनों के स्थाई व अस्थाई कर्मचारी दस दिन से अधिक समय से हड़ताल पर हैं। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले ये कर्मचारी काम छोड़कर हर दिन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और नारेबाजी भी जारी है। इससे कई योजनाओं का क्रियान्वयन ठप पड़ गया है। इससे निपटने के लिए लापरवाही के आरोप में 19 कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर दी गई है। कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी ने जिले के 8 उपयंत्री, प्रधानमंत्री आवास योजना के 4 ब्लॉक क्वॉर्डिनेटर, 2 एपीओ, 2 एएओ, 2 रोजगार सहायक एवं 1 स्वच्छ भारत अभियान के कर्मचारी का अनुबंध खत्म किया है। प्रशासन का कहना है कि लंबे समय से की जा रही अनियमितताओं के चलते यह कदम उठाया गया है।
आंदोलन को दबाने का प्रयास: आरोप
प्रशासन की इस कार्रवाई को संयुक्त मोर्चा शासन और प्रशासन की दमनकारी कार्रवाई बता रहा है। संयुक्त मोर्चा में शामिल तमाम पदाधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार उनके आंदोलन को समाप्त कराने के लिए तमाम प्रकार के दबाब डाल रही है। उनका कहना था कि शासन और प्रशासन यदि नौकरी छीनने का डर दिखा रही है तो हम सभी अपने इस्तीफे देते है। इसके साथ ही संयुक्त मोर्चा के तमाम पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम अपना सामूहिक इस्तीफा भी सौंप दिया। अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के आदेश प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विभागीय ग्रुप पर डाले गए थे। इस ग्रुप पर मोर्चा के पदाधिकारियों ने भी अपने इस्तीफे डाल दिए।
प्रशासन की इस कार्रवाई को संयुक्त मोर्चा शासन और प्रशासन की दमनकारी कार्रवाई बता रहा है। संयुक्त मोर्चा में शामिल तमाम पदाधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार उनके आंदोलन को समाप्त कराने के लिए तमाम प्रकार के दबाब डाल रही है। उनका कहना था कि शासन और प्रशासन यदि नौकरी छीनने का डर दिखा रही है तो हम सभी अपने इस्तीफे देते है। इसके साथ ही संयुक्त मोर्चा के तमाम पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम अपना सामूहिक इस्तीफा भी सौंप दिया। अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के आदेश प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विभागीय ग्रुप पर डाले गए थे। इस ग्रुप पर मोर्चा के पदाधिकारियों ने भी अपने इस्तीफे डाल दिए।
कार्रवाई का आंदोलन से लेना-देना नहीं
वहीं इस कार्रवाई को प्रशासन ने आंदोलन से पृथक बताया है। जिला पंचायत सीइओ एसके मालवीय का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ अनुबंध समाप्त कर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई है, उनके मामले पहले से ही विचाराधीन थे। काम में लापरवाही एवं लक्षित परिणाम न मिलने के कारण यह कार्रवाई की गई है। मोर्चा इसे गलत तरीके से ले रहा है।
वहीं इस कार्रवाई को प्रशासन ने आंदोलन से पृथक बताया है। जिला पंचायत सीइओ एसके मालवीय का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ अनुबंध समाप्त कर सेवा समाप्ति की कार्रवाई की गई है, उनके मामले पहले से ही विचाराधीन थे। काम में लापरवाही एवं लक्षित परिणाम न मिलने के कारण यह कार्रवाई की गई है। मोर्चा इसे गलत तरीके से ले रहा है।