बिना ग्रैंड स्लेम जीते चेक गणराज्य की प्लिस्कोवा बनीं नंबर वन

चेक गणराज्य की कैरोलीना प्लिस्कोवा ङ्क्षवबलडन में दूसरे राउंड में बाहर
हो जाने के बावजूद डब्ल्यूटीए टेनिस रैंङ्क्षकग में जर्मनी की एंजेलिक
केर्बर को पछाड़ दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी बन गई हैं। वह यह उपलब्धि
हासिल करने वाली अपने देश की पहली महिला टेनिस खिलाड़ी भी हैं।

<p>pliskova</p>
लंदन। 25 वर्षीय प्लिस्कोवा नंबर एक बनने वाली 23वीं खिलाड़ी हैं। चेक खिलाड़ी को यह उपलब्धि महिला एकल क्वार्टरफाइनल में रोमानिया की सिमोना हालेप को ब्रिटेन की जोहाना कोंटा के हाथों मिली शिकस्त से हासिल हुई है।

बनी पहली चेक गणराज्य की खिलाड़ी
हालेप यदि कोंटा को हरा देंती तो उनके पास नंबर एक बनने का मौका था लेकिन उन्हें 7-6, 6-7, 4-6 से मिली हार के बाद यह मौका भी हाथ से चला गया। ङ्क्षवबलडन में तीसरी सीड प्लिस्कोवा हालांकि मैग्डालाना रिबारीकोवा के हाथों दूसरे ही राउंड में हारकर बाहर हो चुकी हैं लेकिन इस वर्ष वह फ्रेंच ओपन सेमीफाइनल तक पहुंची थी और अंक आधारित रैंङ्क्षकग प्रणाली में वह सबको पीछे छोड़ शीर्ष पर पहुंच गई हैं।

कभी नहीं जीता ग्रैंड स्लेम
दिलचस्प यह भी है कि चेक खिलाड़ी ने करियर में कभी भी ग्रैंड स्लेम नहीं जीता है। उन्होंने इस वर्ष ब्रिसबेन, दोहा और ङ्क्षवबलडन अभ्यास टूर्नामेंट ईस्टबोर्न में खिताब जीते हैं। मोंटे कार्लाे की रहने वालीं प्लिस्कोवा वर्ष 1975 में शुरू हुए रैंङ्क्षकग सिस्टम के बाद से नंबर एक बनने वाली चेक गणराज्य की पहली महिला खिलाड़ी हैं। चेक गणराज्य में जन्मीं और 18 बार की ग्रैंड स्लेम चैंपियन मार्टिना नवरातिलोवा वर्ष 1978 में नंबर एक बनी थीं लेकिन वह तब अमरीका का प्रतिनिधित्व करती थीं। जर्मन खिलाड़ी केर्बर 34 सप्ताह तक दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी रहीं लेकिन उन्हें शीर्ष स्थान पर बने रहने के लिये ङ्क्षवबलडन फाइनल में पहुंचना जरूरी था लेकिन उन्हें अंतिम 16 राउंड में स्पेन की गरबाइन मुगुरूजा ने हरा दिया।
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