अब गोपीचंद और राहुल द्रविड़ की राह चलेंगे लिएंडर पेस, संन्यास के बाद उतरेंगे कोचिंग के क्षेत्र में

Leander Paes ने संन्यास के बाद की अपनी योजना के बारे में बात की। वह यह संकेत पहले ही दे चुके हैं कि टेनिस सर्किट में उनका आखिरी साल हो सकता है।

<p>Leander Paes</p>

पुणे : भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी और कई युगल ग्रैंड स्लैम खिताब पर कब्जा जमाने वाले लिएंडर पेस (Leander Paes) ने यह संकेत पहले ही दे दिया था कि यह साल अंतरराष्ट्रीय टेनिस सर्किट में उनका आखिरी साल हो सकता है। अब उन्होंने यह बताया है कि वह संन्यास के बाद क्या करना चाहते हैं। वह अब कोचिंग के क्षेत्र में उतरना चाहते हैं और अपने देश के लिए ओलंपिक पदक विजेता और ग्रैंड स्लैम विजेता तैयार करना चाहते हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि उनकी मंशा राहुल द्रविड़ और पुलेला गोपीचंद जैसे पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों की राह पर चलने की है। वह युवा टेनिस खिलाड़ियों को प्रशिक्षित तथा प्रेरित करेंगे।

राहुल और गोपीचंद से मिली प्रेरणा

पेस टाटा ओपन महाराष्ट्र के तीसरे संस्करण में खेलने के लिए पुणे आए हुए हैं। उन्होंने यहां कहा कि उनकी दूसरी पारी में काफी सारा रोमांच होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं जानते कि वह इस मौके को सही तरीके से लपक पाएंगे या नहीं, लेकिन उनका एक ऐसा खिलाड़ी तैयार करना है, जो ओलंपिक या ग्रैंड स्लैम या फिर दोनों में देश के लिए मान हासिल कर सके। पेस ने कहा कि वह जब भी राहुल द्रविड़ या पुलेला गोपीचंद जैसे कुछ पूर्व खिलाड़ियों को देखते हैं तो उनके भीतर इनके लिए आदर की भावना पनपती है। इन खिलाड़ियों ने शीर्ष स्तर के लिए युवा प्रतिभाओं को पैदा करने के लिए बहुत मेहनत की है।

2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन का खिताब जीतने के बाद गोपीचंद कोचिंग के क्षेत्र में उतरे और उन्होंने देश को दो ओलम्पिक पदक विजेता दिए। वहीं दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने खेल से संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया को कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए।

टेनिस पर ध्यान देने की जरूरत

पेस ने कहा कि देश में टेनिस को दोबारा से खोजना होगा, क्योंकि आईपीएल, टेबल टेनिस, मुक्केबाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, कबड्डी जैसे खेलों की लीग आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और इन खेलों की तरफ युवाओं का झुकाव पैदा हुआ है। फिलहाल भारतीय टेनिस को ऊर्जा के इन्जेक्शन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इस खेल से जोड़ना होगा। इस समय बच्चों के सामने कई ध्यान भटकाने वाली चीजें हैं। खेल और टेनिस उन्हें सही रास्ते पर लाने का अच्छा तरीका है।

महाराष्ट्र ओपन में हारकर हो चुके हैं बाहर

युगल वर्ग में आठ बार ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पेस महाराष्ट्र ओपन में मैथ्यू इबडेन के साथ उतरी थी। उन्हें क्वार्टर फाइनल में रामकुमार रामनाथन और पूरव राजा की जोड़ी ने हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया है। पेस ने रामनाथन और राजा की तारीफ करते हुए कहा कि वे दोनों शानदार खेल रहे हैं। वे 85 प्रतिशत पहली सर्विस पर अंक ले रहे हैं। यह अविश्वसनीय है। वह बेहतरीन फॉर्म में हैं। जिस चीज को भी वे छूते हैं, वह सोना बन जाती है।

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