SURAT NEWS: घर में ही पूजे ईसर-गौर और कोरोना ले डूब्यो गणगौर…

-कोरोना महामारी के चलते गणगौर की नहीं निकली सवारी, तापी घाट के बजाय सोसायटी-अपार्टमेंट में ही किया विसर्जन

<p>SURAT NEWS: घर में ही पूजे ईसर-गौर और कोरोना ले डूब्यो गणगौर&#8230;</p>
सूरत. शाम ढलते ही गुरुवार को सोसायटी-अपार्टमेंट परिसर में सजी-संवरी महिलाएं-युवतियां ईसर-गौर की प्रतिमा लेकर धीमे-धीमे कदमों के साथ आ कोयलबाई सिध चाली रे…गाते हुए निकली और बाद में गौर को ईसरजी के साथ भावभीनी विदाई दी गई। सोलह दिवसीय गणगौर पर्व के समापन मौके पर इस तरह के नजारे शहर में प्रवासी राजस्थानी बहुल इलाकों की कई सोसायटी-अपार्टमेंट में दिखे। इससे पूर्व सुबह में अधिकांश घरों में महिलाओं ने गणगौर की पूजा मास्क लगाकर की।
होली के बाद राजस्थान के लोकपर्व गणगौर की रंगत भी लगातार दूसरे साल इस बार भी कोरोना महामारी की वजह से शहर के प्रवासी राजस्थानी क्षेत्र परवत पाटिया, गोडादरा, पुणागांव, टीकमनगर, उधना, भटार, घोडदौडऱोड, सिटीलाइट, न्यू सिटीलाइट, वेसू, अलथाण आदि में नहीं जम पाई। हालांकि लोकपर्व को पूरे विधिविधान व रीति-रिवाज से मनाने में प्रवासी राजस्थानी महिलाओं व युवतियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी और इस दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन का भी पूरा ध्यान रखा। शीतलाष्टमी व दशा माता का व्रत-पूजन सम्पन्न होने के बाद लोकपर्व गणगौर के प्रति उत्साह बढ़ गया और बुधवार को घर-घर में गणगौर के सिंजारे के आयोजन किए गए। इसके बाद गुरुवार सुबह से ही गणगौर को विदाई देने की तैयारियां घरों में होने लगी और इसमें सबसे पहले महिलाओं, युवतियों व किशोरियों ने ईसर-गौर समेत अन्य देवी-देवता की प्रतिमाओं की विधिविधान से पूजा-आराधना की और परम्परागत व्यंजन परोसे। इसके बाद शाम को सज-संवरकर महिलाओं-युवतियों ने लोकगीत गाते हुए सोसायटी-अपार्टमेंट परिसर में ही धीमे कदमों के साथ गौर को ईसरजी के साथ विदाई दी।
-सोसायटी में ही किया विसर्जन

लोकपर्व गणगौर के समापन मौके पर चैत्र शुक्ल तृतीया गुरुवार को कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर महिलाओं-युवतियों ने विसर्जन कार्यक्रम का आयोजन सोसायटी-अपार्टमेंट में ही किया। इस दौरान कई महिलाओं ने पानी की बाल्टी में होली की राख से निर्मित पिंडियों समेत अन्य पूजा सामग्री का विसर्जन किया तो कई ने सोसायटी के स्वीमिंग पुल का विसर्जन के लिए उपयोग किया।
-सुबह से चलता रहा पूजा का दौर

शहर में मुख्य रूप से गणगौर की सवारी का कार्यक्रम परवत पाटिया स्थित जैननगर सोसायटी में किया जाता है और यहां स्थापित ईसर-गौर की प्रतिमाओं के पूजन के लिए गुरुवार को सुबह से महिलाओं-युवतियों का आने का सिलसिला चलता रहा। यहां पर कई महिलाएं-युवतियां घरों से भी ईसर-गौर की प्रतिमा लेकर आई और विधिविधान से पूजा-आराधना कर लौटी, यह दौर शाम तक चलता रहा।
-पत्रिका की सलाह को माना

कोरोना महामारी को रोकने के महत्वपूर्ण उपाय मास्क के उपयोग के बारे में पत्रिका ने सभी पाठकों को सलाह दी थी और उसका भरपूर उपयोग चैत्र शुक्ल तृतीया गुरुवार को गणगौर की विदाई वेला में महिलाओं-युवतियों व किशोरियों ने किया। शहर के ज्यादातर क्षेत्र की सोसायटी-अपार्टमेंट में गणगौर की पूजा के दौरान महिलाएं, युवतियां व किशोरियां मास्क के साथ ही नजर आई।
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