SCAM : 344 से अधिक फर्जी ई स्टॉम्प बना कर बेच डाले

– सूरत में स्टाम्प घोटाला…
– डिंडोली से स्टाम्प वेंडर गिरफ्तार, फर्जी ई-स्टाम्प बरामद
– सिक्यूरिटी पेपर पर फर्जी वॉटरमार्क व बारकोड बना कर बेचता था

<p>SCAM : 344 से अधिक फर्जी ई स्टॉम्प बना कर बेच डाले</p>
सूरत. डिंडोली क्षेत्र के एक स्टाम्प वेंडर द्वारा 344 से अधिक फर्जी ई-स्टाम्प बना कर बेचने का मामला सामने आया है। पुलिस ने वेंडर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से तीन फर्जी ई-स्टाम्प व उन्हें तैयार करने की सामग्री जब्त की है।
(- Stamp scam in Surat …, Stamp vendor arrested from Dindoli, fake e-stamp recovered, Used to sell fake watermarks and barcodes on security paper)

मामले की जांच कर रहे थानाप्रभारी एच.एम. चौहाण ने बताया कि डिंडोली शिव हीरानगर निवासी परेश महाले के पास डिंडोली रामायण पार्क में स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एजेन्सी हैं व स्टॉम्प वेंडर का लाइसेंस है। उसे कंपनी से मिलने पर वाले सिक्यूरिटी पेपर पर विशेष सॉफ्टवेर से ई-स्टाम्प बना कर बेचना होता है।
ई-स्टॉम्प की राशि सरकारी कोश में जमा करवानी होती है, लेकिन गत 10 अक्टूबर 2019 से 17 अक्टूबर 2020 के दौरान उसने घपला किया। उसने अपने ग्राहकों को सिक्यूरिटी पेपर पर फर्जी ई-स्टाम्प बना कर बेचे। अहमदाबाद स्थित कंपनी के प्रबंधक राजेश नायक को ई-स्टाम्प व सिक्युरिटी पेपर के तालमेल में गड़बड़ी का अंदेशा होने पर उन्होंने इसकी पड़ताल की।
उन्हें पता चला कि सिक्यूरिटी पेपर अधिक इस्तेमाल हुए थे जबकि ई-स्टाम्प उतने नहीं बने थे। उन्होंने इस संबंध में डिंडोली थाने में शिकायत की। डिंडोली पुलिस ने छापा मार कर परेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से पुलिस को तीन फर्जी स्टाम्प मिले।
पुलिस ने कंप्यूटर, कलर प्रिंटर समेत फर्जी ई-स्टाम्प तैयार करने की सामग्री जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया। प्राथमिक पूछताछ में उसने 344 फर्जी ई-स्टाम्प बेचने की बात कबूल की है। पुलिस ने उसे शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है।

कंप्यूटर-प्रिंटर की मदद से बनाता था :
सिक्यूरिटी पेपर पर सॉफ्टवेर की मदद से असली ई-स्टाम्प खरीद कर लगाने के बदले वह अपने कंप्यूटर की मदद से कागज पर फर्जी वाटर मार्क बनाता था। बारकोड जैसी डिजाइन प्रिंट कर नकली ई-स्टाम्प तैयार करता था। ताकी उसे ई-स्टाम्प खरीदने के लिए कोई रुपए नहीं जमा करने पड़े और ग्राहकों से वह रुपए वसूल सके
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