पुलिस के मुताबिक, वेसू कैसल ब्राउन रेजिडेंसी निवासी शैलेष भट्ट व उसके भतीजे भावनगर सागवाड़ी निवासी निकुंज भट्ट ने मिलकर वराछा तपशील सोसायटी निवासी हिम्मत राणपरिया के साथ विश्वासघात किया। हिम्मत को 2017 में रुपयों की जरूरत थी।
उस दौरान परिचित किरीट पालड़िया के जरिए उसका शैलेष भट्ट से संपर्क हुआ। शैलेष ने 3 प्रतिशत ब्याज पर रुपए देने के एवज में संपति मांगी। हिम्मत ने वेसू व मोटा वराछा के तीन प्लॉट गिरवी रखने के लिए तैयार हो गए। शैलेष ने खराई के बहाने उनके दस्तावेज ले लिए।
फिर किरीट के जरिए बताया कि यदि इनके दस्तावेज बना दे तो वह 6.50 करोड़़ रुपए दे सकता है। दस्तावेज करने पर एमओयू के हिसाब से शैलेष व निकुंज ने पूरे रुपए नहीं दिए उन्होंने 5.25 करोड़ ही दिए। 1.25 करोड़ मांगने पर टाल दिया।
बाद में हिम्मत ने रुपयों की व्यवस्था कर अपने दस्तावेज छुड़वाने की बात की तो उसे कुछ समय टालते रहे। उसके बाद ऑफिस बंद कर गायब हो गए। कुछ समय बाद दस्तावेज रिटर्न करने के लिए और एक करोड़ रुपए की मांग की।
हिम्मत से उन्होंने 75 लाख रुपए और ऐंठ लिए। उसके बाद न तो दस्तावेज लौटाए और न ही उसके दो करोड़ रुपए लौटाए। उल्लेखनीय है कि शैलेष व निकुंज भट्ट के खिलाफ सीआइडी में बिटक्वाइन समेत अन्य क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी धोखाधड़ी और घोटाले के कई मामले दर्ज हो चुके हैं।
इसके अलावा लसकाणा में बिल्डर राजू पटेल की प्रोपर्टी पर कब्जा करने के लिए कुख्यात अनिरुद्ध सिंह रिबड़ा को सुपारी देकर फ्लैट्स पर कब्जा करवााने को लेकर सरथाणा थाने में मामला दर्ज हुआ था।
हिम्मत को दी थी धमकी :
हिम्मत को दी थी धमकी :
बिटक्वाइन मामले में वडोदरा सीआइडी को निकुंज के लॉकर से हिम्मत की संपतियों के दस्तावेज मिले थे। उस दौरान सीआइडी ने हिम्मत को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था। उस समय दोनों ने हिम्मत को धमकी दी थी कि यदि उसने उनके खिलाफ बयान दिया तो वे उसे परिवार समेत मार डालेंगे।