सूरत में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए धूप में लंबी कतार

– राहत दर पर इंजेक्शन मिलने की सूचना पर लगी कतार

<p>सूरत में रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए धूप में लंबी कतार</p>
सूरत.
शहर में कोरोना मरीजों की संख्या बेतहाशा बढऩे के साथ ही इलाज के लिए जरुरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी हो रही है। राज्य सरकार ने दो सरकारी सेंटर न्यू सिविल और स्मीमेर तय किये हैं। जहां से निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन देने की व्यवस्था की गई है। लेकिन न्यू सिविल अस्पताल में गुरुवार सुबह से ही पांच सौ से अधिक कोरोना मरीजों के परिजनों की लम्बी कतार छांयडा मेडिकल स्टोर के बाहर देखने को मिली। हालांकि कलेक्टर के निर्देश के बाद शाम तक इंजेक्शन लेने वालों की कतार खत्म हो गई। कलेक्टर ने कहा है कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड डॉक्टर के द्वारा कलेक्टर के मेल पर की जाएगी और उनके अधिकृत व्यक्ति को ही इंजेक्शन दिया जाएगा। न्यू सिविल अस्पताल के छांयडा मेडिकल स्टोर में इंजेक्शन राहत दर पर मिलने की खबर से दोपहर दो बजे तक लाइन काफी लम्बी हो गई थी।
निजी अस्पताल को मिले 3695 इंजेक्शन

कलेक्टर डॉ. धवल पटेल ने बताया कि बुधवार को शहर के अलग-अलग 88 अस्पतालों को कुल 1555 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए हैं। इसके बाद गुरुवार को 63 अस्पतालों को 2140 इंजेक्शन दिए गए। उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन लेने जाने की जरुरत नहीं है। निजी अस्पताल द्वारा मेल पर डिमांड भेजी जाएगी तभी उनको इंजेक्शन का एप्रुवल मिलेगा।
इंजेक्शन के लिए भेजने वाले अस्पताल के खिलाफ होगी कार्रवाई

रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर दो दिन पहले मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी हालात में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा। गुरुवार को फिर न्यू सिविल अस्पताल में इंजेक्शन के लिए मरीजों के परिजनों की लंबी कतार नजर आईं। तब जिला कलेक्टर डॉ. धवल पटेल को कहना पड़ा कि जो अस्पताल परिजनों को इंजेक्शन के लिए मेडिकल स्टोर भेजेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि मरीज के परिजन को न्यू सिविल अस्पताल में इंजेक्शन लेने के लिए जाने की जरूरत नहीं है, यह काम अस्पताल का है। राज्य सरकार ने तीन लाख इंजेक्शन का ऑर्डर दिया है। निजी अस्पतालों को भी डिमांड के तहत इंजेक्शन मुहैया करवाने की
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.