एक दिन में 75 शवों की अंत्येष्टि, रिकॉर्ड में 14 सिर्फ

अब उमरा श्मशान भूमि में 15 से अधिक शवों की वेटिंग का वीडियो हुआ वायरल

<p>एक दिन में 75 शवों की अंत्येष्टि, रिकॉर्ड में 14 सिर्फ</p>
सूरत. शहर में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या और मृत्युआंक सर्वाधिक उच्चतम स्तर पर है। पिछले कुछ दिनों से डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 75 से 90 मरीजों की मौत हो रही है।
लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना कोरोना से सिर्फ 8-10 मौत बताई जा रही है। हालांकि गुरुवार को पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 14 बताई गई है।

जबकि गुरुवार को न्यू सिविल और स्मीमेर अस्पताल से निकले 75 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइंस से किया गया। गुरुवार को एक और वीडियो वायरल हुआ।
जो उमरा श्मशान भूमि का बताया गया है। जिसमें 15 से अधिक शव वेटिंग में रखे दिखाई दे रहे हैं और परिजन अंतिम संस्कार के लिए राह देख रहे हैं।

केंद्रीय टीम पहुंची
उधर, केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम भी गुरुवार को सूरत पहुंच गई। टीम ने कलेक्टर, मनपा आयुक्त के साथ बैठक कर स्थिति समझी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि स्थिति पिछले साल की तुलना में नए साल में अधिक गंभीर है।
यूके और साउथ अफ्रीका स्ट्रेन की पुष्टि के बाद कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। गंभीर मरीज भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं। मार्च के शुरू में 10-20 गंभीर मरीज रोजाना भर्ती हो रहे थे।
लेकिन अप्रेल में प्रतिदिन भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या 200 से 250 तक पहुंच गई है। इनमें सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की कमी वाले हैं। गंभीर मरीजों का इनफ्लो बढऩे से मौत के मामले भी बढ़ रहे हैं।
अन्य बीमारियों से मौत का हवाला
दूसरी तरफ, लोगों में चर्चा है और आरोप लगाए जा रहे हैं कि कोरोना से मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं। डेडिकेटेड कोविड अस्पताल न्यू सिविल और स्मीमेर में रोजाना 60 से 75 मरीजों की मौत हो रही है।
आगामी दिनों में स्थिति इससे भी अधिक खराब होने की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को न्यू सिविल में 57 और स्मीमेर अस्पताल में 18 पॉजिटिव, संदिग्ध और नेगेटिव मरीजों की मौत बताई गई है।
गुरुवार को करीब 75 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के तहत किया गया है। लेकिन मनपा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मौत के आंकड़े कम बताए जा रहे हैं।

ज्यादातर कोरोना मौत को कोमोरबिड तथा दूसरी बीमारी से मौत बताकर खपाया जा रहा है।
जबकि शहर के शमशान भूमि में शवों के अंतिम संस्कार के लिए लम्बी वेटिंग चल रही है और अधिकांश शवों की कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक अंत्येष्टि की जा रही है। कुछ दिन पहले वराछा अश्विनी कुमार शमशान भूमि का वीडियो वायरल हुआ था।
‘भाइयों वीडियो देखो और विचार करो’
उमरा शमशान भूमि में गुरुवार को 40 से अधिक शवों के अंतिम संस्कार किए गए। इसमें 15 से अधिक ऐसे हैं, जिनका कोरोना गाइडलाइंस से अंतिम संस्कार किया गया।
वीडियो में कोई जागरूक परिस्थिति को समझने और विचार करने का निवेदन करता दिख रहा है। एक मिनट छह सेकंड के वीडियो में एक साथ 15 से अधिक शव दिखाए जा रहे, जो वेटिंग में रखे गए हैं। वीडियों में टोकन नं. 40 देने की बात भी युवक कह रहा है।
– डॉ. आशीष नायक, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा, सूरत।

Ram Naresh Gautam

हीरा नगरी पन्ना में पैदाइश, संगम नगरी प्रयागराज से पढ़ाई, बाबा नानक की कर्मनगरी सुल्तानपुर लोधी के जिला कपूरथला से मौजूदा कर्मक्षेत्र में कदम रखा जिसके कारण राम की वनवासकाल की प्रवासस्थली चित्रकूट के समीपी सतना सेे होते हुए हिमालय की गोद जम्मू के बाद आईटी सिटी बेंगलूरु में पड़ाव और वर्तमान में कुछ वर्षों से गुलाबी नगरी जयपुुर में ठहराव है...

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