साख बचाने की चुनौती: मुश्किल में कांग्रेस की नैय्या

दादरा नगर हवेली लोकसभा सीट उपचुनाव

<p>साख बचाने की चुनौती: मुश्किल में कांग्रेस की नैय्या</p>
सिलवासा. कभी कांग्रेस की गढ़ माने जाने वाली दादरा नगर हवेली लोकसभा सीट पर पार्टी उप चुनाव में साख बचाने की लड़ाई लड़ रही है। क्षेत्र की जनता ने 1996 के बाद कांग्रेस को नकार दिया है। इसके बाद पार्टी के हालात इतने बद से बदतर हो गए है कि उनके उम्मीदवार जमानत बचाने में भी सफल नहीं हो पा रहे हैं। गत लोकसभा चुनाव 2019 में करारी हार के बाद पार्टी ने उप चुनाव में फिर अपना नया प्रत्याशी उतारा है। इस बार पार्टी कितने वोट प्राप्त करने में सफल रहती है, यह 2 नवम्बर को ही पता चलेगा। पार्टी का कमजोर संगठन एवं घटते जनादेश से जिले में पार्टी हासिए पर सिमट गई है।

वर्ष 1998 में शिवसेना ने भाजपा को दी थी कड़ी टक्कर


शिवसेना में धार-उप चुनाव में दिवंगत सांसद मोहनभाई डेलकर की धर्मपत्नी कलाबेन डेलकर शिवसेना पार्टी से चुनाव लड़ रही है, जिससे मुख्य टक्कर भाजपा एवं शिवसेना में दिख रही हैं। महाराष्ट्र के बाहर दूसरे राज्य (संघ प्रदेश थ्रीडी) में शिवसेना अपना प्रभुत्व बढ़ाने में लगी है। दादरा नगर हवेली संसदीय सीट पर वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। गत लोकसभा चुनाव 2019 में मोहनभाई डेलकर ने भाजपा प्रत्याशी नटूभाई पटेल को 9001 मतों से मात देकर यह सीट छीनी थी।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.