आयकर विभाग से ७५ लाख रुपए की पेनल्टी का नोटिस मिलने पर उसने उसके नाम से फर्जी बैंक खाते खुलवा कर बिल्डरों और अन्य फर्मों के साथ करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों के खिलाफ अठवा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
पुलिस के मुताबिक अमरोली वासू पूज्य, बी.के.. होम्स निवासी विपुल बलदेव पटेल (37) के साथ चेतन शाह और चार अन्य इ-मेल आइडी धारकों ने जालसाजी की। मार्च २००६ में उन्होंने कतारगाम की एक डायमंड फर्म में काम करने वाले विपुल का पैन कार्ड (एपीडब्ल्यूपीपी८४१०जे) की फोटो प्रति और उसकी फोटो हासिल की।
उसके नाम से भागा तलाव कणपीठ की बैंक ऑफ इंडिया शाखा में दो फर्जी खाते खुलवाए गए। इन खातों में रुपए का ट्रांजेक्शन शुरू कर दिया गया। उन्होंने विपुल को बताए बिना उसका आयकर रिटर्न भी फाइल करना शुरू कर दिया। २०१८ तक उन्होंने विपुल के खातों से बिल्डरों और अन्य फर्मों को करीब १० करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया।
ऐसे हुआ खुलासा
विपुल का टीडीएस उसकी कंपनी द्वारा काटा जाता था। पिछले दो-तीन साल में काटे गए टैक्स का रिटर्न हासिल करने के लिए उसने होम लोन, बीमा तथा अन्य निवेश की रसीदों के साथ एक सीए से संपर्क किया। रिटर्न फाइल करने के दौरान सीए ने बताया कि उसका रिटर्न तो फाइल हो चुका है।
विपुल ने पड़ताल की तो पता चला कि उसके खातों से करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है और आयकर विभाग ने ७५ लाख रुपए का पेनल्टी नोटिस भी उसके नाम जारी कर रखा है। इस पर उसने पुलिस से संपर्क साधा और अन्य फर्मों के साथ करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों के खिलाफ अठवा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।