वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय संबंध निजी महाविद्यालयों की फीस का मामला विवादित होता जा रहा है। एनएसयूआई और एबीवीपी की ओर से फीस कम करने की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं होने पर छात्र संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके सामने निजी संचालक मंडल ने फीस में कटौति नहीं करने का ज्ञापन कार्यकारी कुलपति को सौंपा है। साथ में चेतावनी भी दी है कि फीस कम की गई तो महाविद्यालय बंद करने पड़ेंगे। महाविद्यालय चलाना और शिक्षकों को वेतन देने में समस्या खड़ी होगी। आवेदनों और चेतावनी की इस जंग के बीच विद्यार्थियों को फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
ऊपर से कोरोना की बिगड़ती परिस्थितियों के बीच अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता जा रहा है। कई अभिभावकों ने तो बच्चों का स्कूलों में अभी तक दाखिला नहीं करवाया है। कॉलेज की फीस भी भरना मुश्किल हो रहा है। इसे ध्यान में रखकर लंबे समय से एनएसयूआई और एबीवीपी कॉलेज फीस कम करने की मांग कर रहे हैं। सिंडीकेट ने कॉलेज फीस में १२ प्रतिशत की कमी कर दी है। फिर भी कई निजी महाविद्यालय मनमानी फीस वसूल रहे हैं। छात्र संगठनों ने ऐसे महाविद्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। विद्यार्थियों को अतिरिक्त फीस वापस करने के साथ महाविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस चेतावनी के सामने अब निजी महाविद्यालय संगठन ने भी विश्वविद्यालय को ज्ञापन दिया है।
ऊपर से कोरोना की बिगड़ती परिस्थितियों के बीच अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता जा रहा है। कई अभिभावकों ने तो बच्चों का स्कूलों में अभी तक दाखिला नहीं करवाया है। कॉलेज की फीस भी भरना मुश्किल हो रहा है। इसे ध्यान में रखकर लंबे समय से एनएसयूआई और एबीवीपी कॉलेज फीस कम करने की मांग कर रहे हैं। सिंडीकेट ने कॉलेज फीस में १२ प्रतिशत की कमी कर दी है। फिर भी कई निजी महाविद्यालय मनमानी फीस वसूल रहे हैं। छात्र संगठनों ने ऐसे महाविद्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। विद्यार्थियों को अतिरिक्त फीस वापस करने के साथ महाविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस चेतावनी के सामने अब निजी महाविद्यालय संगठन ने भी विश्वविद्यालय को ज्ञापन दिया है।
– दोनो तरफ विद्यार्थियों का नुकसान:
निजी महाविद्यालय संगठन ने कार्यकारी कुलपति को फीस कम नहीं करने का ज्ञापन सौंपा है। संगठन का कहना है कि फीस कम कर दी गई तो महाविद्यालय का कार्यभार चलाना मुश्किल हो जाएगा। सिंडीकेट ने फीस में १२ प्रतिशत की कटौति की तो इसके लिए संगठन से राय भी नहीं मांगी गई। ऐसे में फीस कम कर दी गई तो कॉलेज ही बंद करना पड़ जाएगा। इस तरह की चेतावनी मिलने पर अब विश्वविद्यालय किस तरह के कदम उठाएगा, यह देखना है। कॉलेज बंद हुए तो भी विद्यार्थियों को नुकसान होगा। फीस कम नहीं की गई तो भी विद्यार्थियों को ही परेशानी होगी।
निजी महाविद्यालय संगठन ने कार्यकारी कुलपति को फीस कम नहीं करने का ज्ञापन सौंपा है। संगठन का कहना है कि फीस कम कर दी गई तो महाविद्यालय का कार्यभार चलाना मुश्किल हो जाएगा। सिंडीकेट ने फीस में १२ प्रतिशत की कटौति की तो इसके लिए संगठन से राय भी नहीं मांगी गई। ऐसे में फीस कम कर दी गई तो कॉलेज ही बंद करना पड़ जाएगा। इस तरह की चेतावनी मिलने पर अब विश्वविद्यालय किस तरह के कदम उठाएगा, यह देखना है। कॉलेज बंद हुए तो भी विद्यार्थियों को नुकसान होगा। फीस कम नहीं की गई तो भी विद्यार्थियों को ही परेशानी होगी।
– एनएसयूआई ने एबीवीपी पर लगाया आरोप :
एनएसयूआई का कहना है कि एबीवीपी के कई कार्यकर्ता महाविद्यालय के संचालक हैं। फीस कम करने की समिति के सदस्य हैं। उन्होंने ही फीस कम करने का आग्रह किया था। फिर भी उन्होंने अपने महाविद्यालय में विद्यार्थियों की फीस में कमी नहीं की है। आरोप है कि एबीवीपी संगठन फीस कम करने का विरोध कर रहा है।
एनएसयूआई का कहना है कि एबीवीपी के कई कार्यकर्ता महाविद्यालय के संचालक हैं। फीस कम करने की समिति के सदस्य हैं। उन्होंने ही फीस कम करने का आग्रह किया था। फिर भी उन्होंने अपने महाविद्यालय में विद्यार्थियों की फीस में कमी नहीं की है। आरोप है कि एबीवीपी संगठन फीस कम करने का विरोध कर रहा है।