बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: चार गुना मुआवजा मिलने पर ही देंगे जमीन

बुलेट ट्रेन से प्रभावित होने वालों की बैठक में बोले डूंगरा के नागरिकमुआवजे की राशि को लेकर प्रभावित किसानों एवं लोगों में नाराजगी
Citizens of Dungra said in the meeting of those affected by bullet train
Resentment among affected farmers and people about compensation amount

<p>Citizens of Dungra</p>
वापी. केन्द्र सरकार ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन शुरू करने को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए अन्य जगहों की तरह वलसाड जिले में वापी के डुंगरा में भी जमीन संपादन करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को लेकर प्रभावित किसान एवं लोगों में नाराजगी है। रविवार को जमीन संपादन से प्रभावित होने वालों ने डुंगरा में बैठक कर मुआवजे की राशि को लेकर विचार विमर्श किया है।
बैठक में सरकार की नीति का विरोध

डुंगरा में असरग्रस्तों की हुई बैठक में सरकार की नीति का विरोध करते हुए अन्य गांवों की तरह यहां भी जंत्री का चार गुना दाम देने की मांग की गई। लोगों ने कहा कि सरकार यदि डुंगरा को ग्रामीण विस्तार मानती है तो जंत्री का चार गुना देना चाहिए। वहीं डुंगरा वापी नगरपालिका में शामिल है। यदि सरकार डुंगरा को नगरपालिका में समझती है तो वापी, डुंगरा और चला में जहां सबसे ज्यादा दाम है उसका दो गुना मुआवजा देने की मांग रखी। लोगों ने आरोप लगाया कि संपादन के लिए प्रशासनिक स्तर पर दबाव भी डाला जा रहा है। लोगों ने कहा कि उचित मुआवजा न मिलने पर जमीन नहीं देंगे।
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ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन का सर्वे
बुलेट ट्रेन ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए वलसाड जिले में 30 गांवों में किसानों की जमीन और मकान संपादित करने की कवायद चल रही है। प्रभावित को वर्तमान जंत्री का चार गुना दाम देने की बात चल रही है। डुंगरा में भी 30 से ज्यादा किसानों एवं 50 से ज्यादा लोगों के मकानों को संपादित करने का सर्वे किया गया है। सरकार ने जिले के 30 में से 29 गांवों में जंत्री का चार गुना दाम देने का निर्धारण किया है। लेकिन डुंगरा में जंत्री का दो गुना के अनुसार प्रति स्क्वायर फीट के 176 रुपए देने का निर्णय किया है। इसका लोगों ने भारी विरोध किया है।
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