बैठक में सरकार की नीति का विरोध डुंगरा में असरग्रस्तों की हुई बैठक में सरकार की नीति का विरोध करते हुए अन्य गांवों की तरह यहां भी जंत्री का चार गुना दाम देने की मांग की गई। लोगों ने कहा कि सरकार यदि डुंगरा को ग्रामीण विस्तार मानती है तो जंत्री का चार गुना देना चाहिए। वहीं डुंगरा वापी नगरपालिका में शामिल है। यदि सरकार डुंगरा को नगरपालिका में समझती है तो वापी, डुंगरा और चला में जहां सबसे ज्यादा दाम है उसका दो गुना मुआवजा देने की मांग रखी। लोगों ने आरोप लगाया कि संपादन के लिए प्रशासनिक स्तर पर दबाव भी डाला जा रहा है। लोगों ने कहा कि उचित मुआवजा न मिलने पर जमीन नहीं देंगे।
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बुलेट ट्रेन ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए वलसाड जिले में 30 गांवों में किसानों की जमीन और मकान संपादित करने की कवायद चल रही है। प्रभावित को वर्तमान जंत्री का चार गुना दाम देने की बात चल रही है। डुंगरा में भी 30 से ज्यादा किसानों एवं 50 से ज्यादा लोगों के मकानों को संपादित करने का सर्वे किया गया है। सरकार ने जिले के 30 में से 29 गांवों में जंत्री का चार गुना दाम देने का निर्धारण किया है। लेकिन डुंगरा में जंत्री का दो गुना के अनुसार प्रति स्क्वायर फीट के 176 रुपए देने का निर्णय किया है। इसका लोगों ने भारी विरोध किया है।
बुलेट ट्रेन ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए वलसाड जिले में 30 गांवों में किसानों की जमीन और मकान संपादित करने की कवायद चल रही है। प्रभावित को वर्तमान जंत्री का चार गुना दाम देने की बात चल रही है। डुंगरा में भी 30 से ज्यादा किसानों एवं 50 से ज्यादा लोगों के मकानों को संपादित करने का सर्वे किया गया है। सरकार ने जिले के 30 में से 29 गांवों में जंत्री का चार गुना दाम देने का निर्धारण किया है। लेकिन डुंगरा में जंत्री का दो गुना के अनुसार प्रति स्क्वायर फीट के 176 रुपए देने का निर्णय किया है। इसका लोगों ने भारी विरोध किया है।