नवजात बच्चों की लगातार हो रही मौत से मचा हड़कंप, परिजन कह रहे टीका लगने के बाद बिगड़ी तबियत

Newborns death: 5 जनवरी को टीका लगने के बाद 7 जनवरी को नवजात (Newborn) ने तोड़ा दम, सीएमएचओ का कहना कि 12 घंटे के भीतर यदि मौत (Death) होती तो कारण टीका हो सकता था

<p>Newborn died</p>
सूरजपुर/रामनगर. जिले में एक के बाद एक नवजात बच्चे की मौत (Newborn death) से हड़कंप मचा है। मौत को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बीते 3 माह के अंतराल में 4 नवजातों की मौत ग्राम रुनियाडीह में हुई है। वहीं 7 जनवरी को एक शिशु की मौत नमदगिरी में हुई है। इस पर परिजनों ने टीका लगने के बाद बच्चे की सेहत बिगडऩे व मौत का आरोप लगाया है।

सूरजपुर जिले के ग्राम रुनियाडीह निवासी टोन नारायण के घर में जन्मे बच्चे को 28 जुलाई 2020 को टीका लगाया गया था, लेकिन 3 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसी ग्राम के दिनेश कुमार के 4 माह के बच्चे को टीका 6 अक्टूबर को लगा था, 19 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।
रुनियाडीह के ही दुबराज के 2 माह की लड़की को अक्टूबर माह में ही टीका (Vaccine) लगा था, उसकी भी 18 अक्टूबर को मौत हो गई। ग्राम नमदगिरी के आलोक साय के डेढ़ माह की बच्ची को टीका 22 दिसम्बर को लगा था, जिसकी महज 10 घण्टे के बाद मौत हो गईं। वहीं ग्राम रुनियाडीह के टेकाराम के 2 माह के शिशु को 5 जनवरी को टीका लगा था, उसकी 7 जनवरी को मौत हो गई।
इस मामले में परिजन ने आरोप लगाया है कि टीका लगने के बाद बच्चे की सेहत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। इधर मौके पर बीएमओ भी जांच के लिए पहुंचे थे।

क्षेत्र के जनप्रतिनिधि गीता जायसवाल सहित सत्यनारायण जायसवाल, राहुल जायसवाल, इजराइल खान, बाबूलाल राजवाड़े व अन्य लोगों ने बच्चों की हो रही मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग को सजग रहने की बात कही है।

पीएम रिपोर्ट में ही पता चलेगा मौत का कारण
पीएम रिपोर्ट में ही मौत का कारण पता लग पाएगा। किसी भी शिशु की टीका लगने के 12 घण्टे उपरांत मौत होती तो कारण टीका हो सकता था। किंतु मौत टीका लगने के 2 दिन बाद हुई है।
डॉ. आरएस सिंह, सीएमएचओ, सूरजपुर
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