साथ ही अधिकारियों की टीम टेकराम राजवाड़े के घर भी पहुंची। टेकराम के ही 2 माह के बच्चे की 7 जनवरी को मौत हुई थी। परिजन ने आरोप लगाया था कि टीका (Vaccine) लगने के बाद तबियत बिगडऩे से बच्चे की मौत हुई है।
अधिकारियों की मौजूदगी में उप स्वास्थ्य केन्द्र रुनियाडीह में पदस्थ एएनएम शाशिकला खलखो ने बताया कि जिस पेण्टावेलेण्ट वायल से टेकराम के बच्चे को टीका लगाया गया था, उसी पेण्टावेलेण्ट वायल से अन्य 6 बच्चों को भी टीका लगाया गया था।
जिन बच्चों को टीका लगा उनमें से गीता पिता राजेश उम्र 2 माह, रीना पिता छब्बे लाल उम्र 3 माह को देखा गया, दोनों बच्चे स्वस्थ पाये गये। ग्राम रूनियाडीह के सरपंच श्रवण सिंह ने बताया कि गांव दूसरे पारे में चार बच्चे सुमारी पिता बागर साय उम्र 3 माह, अनिता पिता विनय सिंह उम्र 2 माह, सोना पिता सृष्टि नारायण उम्र 4 माह, लक्ष्मी पिता मुनेश्वर यादव उम्र ढाई माह को भी टीका लगाया गया था।
ये सभी बच्चे स्वस्थ हंै। बच्चों को पेण्टावेलेण्ट के साथ, ओरल पोलियो, रोटावायरस एवं आईपीवी टीका लगाया गया था। खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता को 7 दिनों तक सभी बच्चों की सतत् निगरानी रखने का निर्देश भी दिए गए थे।
परिवार वालों को जानकारी दी गई कि बच्चे की मृत्यु लगाये गये टीके से नहीं हुई है, क्योंकि उसी वायल से अन्य बच्चों को भी टीका लगाया गया था और वे सभी बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
सीएमएचओ ने बच्चे की मौत का ये बताया कारण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आरएस सिंह ने बताया कि शव परीक्षण रिपोर्ट में मृत्यु के कारण का खुलासा श्वास नली में मां का दूध चले जाने से हुई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को टीका लगाना चाहिये, टीकाकरण से जान लेवा बीमारी से बचाया जाता है, टीकाकरण से बच्चों में शारीरिक एवं मानसिक वृद्धि होती है।
टीकाकरण (Vaccination) से बच्चों में किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव होता है, इस प्रकार की भ्रामक अफवाहों से बचें एवं बच्चों को नियमित टीका लगवाएं।