ग्रामीणों के बीच धार्मिक परंपराओं की मान्यता काफी अधिक होने के कारण वन अमले ने रणनीति के तहत पूरे गांव भर के लोगों से थोड़ा-थोड़ा चावल लाकर इक_ा करने के बाद खोपा धाम में चढ़ाने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि अब आरोपी को तो खोपा देव ही सजा देंगे।
ये तरीका काम कर गया व तीन आरोपी वन अमले के हत्थे चढ़ गए। इनमें से एक के पास से वन अमले ने हाथी के दांत बरामद कर लिए हैं। तीनों आरोपी जड़ी-बूटी तलाशने जंगल गए थे, इसी दौरान उन्होंने मृत हाथी के दोनों दांत निकाल लिए थे।
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गौरतलब है कि 11 जून को ग्रामीणों से वन विभाग को सूचना मिली थी कि दरहोरा के जंगल के कक्ष क्रमांक 101 में एक हाथी लगभग 10 दिनों से मृत पड़ा है। इसकी सूचना मिलने पर आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे थे। जांच में मृत दंतैल के दोनों दांत गायब मिले थे।
घटनास्थल के समीप ग्राम दरहोरा के आसनपारा में संदेही व्यक्तियों के नाम से सर्च वारंट काटकर लगातार लगातार 13. से 25 जून तक चोरी किए गए हाथी दांत की खोजबीन की जा रही थी। लेकिन किसी प्रकार का कोई सुराग नहीं मिल रहा था।
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आरोपियों को पकडऩे धार्मिक आयोजन की रणनीति
काफी प्रयास के बाद भी वन अमले को आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। इसके बाद वन विभाग की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से एक धार्मिक आयोजन की रणनीति अपनाई। 26 जूनको वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्टाफ से चर्चा कर निष्कर्ष निकाला गया कि ग्रामीणों के ऊपर आध्यात्मिक दबाव बनाया जाए।
इसी कड़ी में ग्राम दरहोरा में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें गांव के सभी जाति के लोग इक_ा हुए। बैठक में ग्रामीणों से यह कहा गया कि प्रत्येक घर से थोड़ा-थोड़ा चावल लाकर इक_ा करें जिसे खोपा धाम में चढ़ा दिया जाएगा और आरोपी को अब तो खोपा देव भगवान ही सजा देंगे। यह विचार से सभी ग्रामवासी सहमत हुए और सभी स्वेच्छा से अपने अपने घर से चावल छूकर कर जमा करना प्रारंभ किए।
सभी से इक_ा कराया चावल, मुखबिर से मिला सुराग
27 जून को भी सभी ग्रामीणों की बैठक लेकर चावल इक_ा कराया गया और यह निर्णय लिया गया कि ग्राम वासी गांव के बैगा के साथ खोपा धाम जाएंगे। इसके लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रतापपुर द्वारा वाहन एवं अन्य साधन की व्यवस्था की गई।
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दूसरी टीम द्वारा उदित लाल को पकड़ कर लाया गया। लेकिन जहां पर उदित लाल द्वारा हाथी दांत फेकना बताया गया था, वहां पर हाथी दांत (Ivory) नहीं मिले। इसके बाद उदित लाल से कड़ी पूछताछ की गई तो उसने बताया कि हाथी दांत उसके घर में ही पैरा में छिपाकर रखा हुआ है। इसके बाद टीम ने उसके घर से दोनों दांत बरामद कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा उससे पूछताछ में दो अन्य आरोपियों के भी शामिल होने की जानकारी मिली।
इस पर टीम ने धुमाडांड़ निवासी अभय कुार पिता खेलसाय व दरहोरा निवासी परदेसी पिता सुबन को भी गिरफ्तार कर लिया। तीनों जंगल में जड़ी-बूटी खोजने गए थे, उसी समय उनकी नजर मृत हाथी पर पड़ी। इसके बाद तीनों ने हाथी के दोनों दांत निकाल लिए थे। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है।