कानपुर एनकाउंटर इफेक्टः पुलिस कर्मी से शराब माफिया बना सिपाही बर्खास्त

कानपुर (Kanpur Encounter) में राजनीतिज्ञ, पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री (CM Yogi) के सख्ती के बाद शराब की तस्करी (Liquor trafficking) में वर्षों से लिप्त सिपाही बर्खास्त.
 

<p>Sultanpur news</p>
सुल्तानपुर. कानपुर के बिकरू गांव में माफिया विकास दुबे के राजनेताओं व पुलिस से गठजोड़ के खुलासे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद जिले में तैनात एक शराब माफिया सिपाही को आनन-फानन में जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि शराब माफिया सिपाही सुनील कुमार के खिलाफ बड़े पैमाने पर शराब तस्करी कराने की जांच सालों से जिले के अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज कर रहे थे व उसे क्लीनचिट देने की जुगत भिड़ा रहे थे। कानपुर कांड पर सीएम योगी की सख्ती के बाद पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ी और शराब माफिया सिपाही सुनील कुमार के खिलाफ सालों से लम्बित मामले की आनन-फानन में जांच पूरी कर एसपी शिवहरी मीणा को कार्यवाही के लिए रिपोर्ट सौंप दी गई। एसपी शिवहरी मीणा ने पुलिस कर्मी से शराब माफिया बने सिपाही सुनील कुमार को बर्खास्त कर दिया। इस बात की पुष्टि एडिशनल एसपी शिवराज ने की।
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सिपाही सुनील पर साल भर से अवैध शराब तस्करी में लिप्त होने की जांच चल रही थी। बताया जाता है कि रायबरेली जिले का रहने वाला सिपाही सुनील अमेठी व सुल्तानपुर जिले में तैनात रहा है। साल भर पहले अमेठी में ही एक टैंकर अल्कोहल पकड़ा गया था। तब उसके ड्राइवर ने बताया था कि वह अल्कोहल की अवैध तस्करी सिपाही सुनील के लिए कर रहा है। वह लंबे समय से अवैध शराब का धंधा कर रहा है। सिपाही को तब गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। जमानत पर छूटने पर उसे निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद उसकी तैनाती सुल्तानपुर पुलिस लाइन्स में कर दी गई थी।
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शराब माफिया की चलती रही जांच-

सुनील कुमार के विरुद्ध तत्कालीन एसपी ने जांच बैठाई थी। तभी से जांच कछुआ गति से चलती रही। कानुपर एनकाउंटर के मुख्य आरोपी विकास दुबे की कई पुलिस वालों से सांठ गांठ थी। जांच में अब कई चौंकाने वाले तथ्य पता चल रहे हैं। इनमें पुलिस द्वारा विकास के लिए मुखबिरी करने जैसी बातें भी सामने आ रहे हैं। विकास का काफी धन शराब के कारोबार में लगे होनी की सूचना है।
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