सरहद पर नए ‘दुश्मन’ से लोहा ले रहे जवान और किसान

सरहदी इलाके में इस बार अलग तरह के ‘दुश्मन’ ने दस्तक दी है। इस नए ‘दुश्मन’ के कारण सीमा सुरक्षा बल (सीसुब) के जवान हलकान हैं तो किसान परेशान हैं जबकि स्थानीय प्रशासन अभी अनजान है।

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सोहन वर्मा/भुवनेश चुघ
रायसिंहनगर/ अनूपगढ़। सरहदी इलाके में इस बार अलग तरह के ‘दुश्मन’ ने दस्तक दी है। इस नए ‘दुश्मन’ के कारण सीमा सुरक्षा बल (सीसुब) के जवान हलकान हैं तो किसान परेशान हैं जबकि स्थानीय प्रशासन अभी अनजान है। हालात यह है कि जवानों को जहां गश्त करने में दिक्कत आ रही है, वहीं बड़ा भू भाग बंजर होने के कारण किसानों में भी निराशा का माहौल है।
सरहदी गांवों की डिग्गियों का पानी भी गंदा और विषैला हो गया है। सीमा पर तारबंदी से सटे इलाके में सेम का पानी ऊपर आने से भूमि दलदल में बदल गई है। सीमा सुरक्षा बल की फरीदसर व पृथ्वीसर बीओपी इलाका सेम की समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित है। पृथ्वीसर सीमा चौकी परिसर तक में पानी भर गया है।
बॉर्डर की चौकियों में बने भवनों की नींव सीलन के कारण खराब हो रही है। इसी तरह अनूपगढ़ क्षेत्र के सरहद से लगते गांव चार केएएम में भी मात्र पांच फीट खुदाई करने पर पानी निकल आता है।
रिहायशी इलाकों में घरों की नींव इतनी कमजोर हो गई है कि दीवारों के गिरने से कभी भी हादसे हो सकते है। खेतों में खड़ी फसलें नष्ट होने के कगार पर हैं। खेतों में बनी डिग्गियां सेम के कारण क्षतिग्रस्त हो रही हैं। सीमा से सटे चक 28 पीटीडी, 24 पीटीडी व 25 पीटीडी में लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
यही हाल रहे तो करना होगा पलायन
काश्तकार सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने यहां लीक से हटकर खेती की। सबसे अधिक सौर उर्जा प्लेट इसी इलाके में लगी हैं। कृषि विभाग द्वारा पानी की डिग्गियां, सिंचाई की फव्वारा पद्धति, थाई एप्पल, सहजन, खजूर जैसी नई फसलें किसानों ने अपनाई, लेकिन सेम ने पानी फेर दिया। यही हाल रहे तो पलायन करना मजबूरी होगा।
पटवारियों को बुला करवाएंगे सर्वे
मेरी जानकारी में बॉर्डर एरिया में सेम आने का मामला नहीं था। अभी जानकारी ली गई है, हम बॉर्डर एरिया के पटवारियों को बुलाकर सेमग्रस्त इलाके का सर्वे करवाकर रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे
अर्पिता सोनी, उपखंड अधिकारी रायसिंहनगर
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