एक साल में तीन कलक्टर बदले, जांच को लगा कोरोना

Three collectors changed in a year, Corona was investigated-श्रीगंगानगर में सोडियम हाइपो क्लारोइट दवा खरीद में हुए घोटाले की जांच अटकी.

<p>एक साल में तीन कलक्टर बदले, जांच को लगा कोरोना</p>
श्रीगंगानगर. पिछले साल कोरोना संक्रमण रोकने के लिए खरीदी गई सोडियम हाइपो क्लोराइट दवा खरीद में हुई अनियमितताओं का प्रकरण अब तक नहीं निपटा है। एक साल पूरा होने के बावजूद जांच की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है।
हालांकि तत्कालीन जिला कलक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते ने अनूपगढ़ के तत्कालीन बीडीओ धीरज बकोलिया को उनके मूल स्थान उच्च शिक्षा विभाग में भिजवा दिया था। बकोलिया प्रतिनियुक्ति पर व्याख्याता से यहां अनूपगढ़ के बीडीओ बनकर आए थे। इस दवा की खरीद अलग अलग बीडीओ ने अपने स्तर पर की।
सोडियम हाइपो क्लोराइट दवा खरीद के दाम भी अलग अलग चुकाए थे। सबसे ज्यादा और महंगी दर पर तत्कालीन अनूपगढ़ बीडीओ ने 110 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीद की थी जबकि श्रीगंगानगर पंचायत समिति के तत्कालीन बीडीओ मुहम्मद जुनैद ने सिफज़् 18 रुपए 45 पैसे की दर से यह दवा कोटा से खरीद की थी।
तत्कालीन कलक्टर नकाते के बाद महावीर प्रसाद वमाज़् आए थे, वमाज़् ने भी जिले के प्रभारी मंत्री डा.बीडी कल्ला के समक्ष इस मामले में जांच की प्रक्रिया पूरी करने का दावा किया था।

लेकिन वमाज़् ने अपने कायज़्काल में इस फाइल पर निणज़्य नहीं दिया। अब नए कलक्टर जाकिर हुसैन से इस प्रकरण के निणाज़यक होने की उम्मीद बंधी है।
दरअसल, पत्रिका ने यह मामला उजागर किया तो आनन फानन में दो स्तर की जांच कमेटियां गठित की गई।
पहली में तत्कालीन जिला कलक्टर नकाते की ओर से जांच कमेटी बनाई गई जबकि दूसरी में तत्कालीन जिला परिषद सीईओ महावीर सिंह राजपुरोहित की ओर से जांच टीम बनाई गई। कलक्टर की ओर से जांच कमेटी ने प्रथम दृष्टया जांच में अनूपगढ़ बीडीओ को दोषी माना था।
इसके अलावा इस जांच टीम ने अन्य बीडीओं सहित कई अधिकारियों की जांच करने की अनुशंषा की थी। लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ़ पाई। वहीं जिला परिषद प्रशासन की जांच करवाकर रिपोटज़् कलक्टर के पास भिजवाई गई। इन दोनों जांच रिपोटज़् का खुलासा नहीं हो पाया।
इस बीच तत्कालीन कलक्टर ने अनूपगढ़ बीडीओ की प्रतिनियुक्ति निरस्त कर उनके मूल स्थान पर भिजवाने के लिए सरकार से अनुशंषा कर दी। इसके तीन दिन बार बकोलिया को अनूपगढ़ से रवाना कर दिया गया। लेकिन अन्य अधिकारियों की ओर से बरती गई अनियमितताअेां के बारे में एक्शन नहीं लिया गया।
वहीं, राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण रोधी दवा की खरीद करने के लिए निदेज़्श देने में करीब एक माह की देरी की थी।
जब पूरे देश में लॉक डाउन लग चुका था और उसके एक माह बाद राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के विशिष्ट शासन सचिव डा.आरुषी मलिक ने 22 अप्रेल 2020को राज्य की जिला परिषदों के मुख्य कायज़्कारी अधिकारियों, अतिरिक्त मुख्य कायज़्कारी अधिकारियों, विकास अधिकारियों को आदेश जारी किया। इसमें सोडियम हाइपो क्लारोइट दवा, हाथ के दस्ताने, सैनेटाइजर, मास्क, मेन्युअल स्प्रे मशीन के क्रय करने के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला दर निणाज़्यक समिति की ओर से किए जाने के लिए अधिकृत किया है। दवा का छिडक़ाव भी चिकित्सा विभाग के निदेशोज़् के अनुरुप करने के लिए कहा गया था।
इधर, जिला कलक्टर जाकिर हुसैन का कहना है कि मुझे तो इस प्रकरण के बारे में किसी ने बताया नहीं है। अब इस संबंध में फाइल को पढ़कर जांच का निणज़्य किया जाएगा ताकि यह तो चल सके कि किस अधिकारी की गलती रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर एक्शन लिया जाएगा।
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