झुग्गियों में रहने वाले परिवार रोटी को तरसे

Slum families crave bread….श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर संख्या 62 पर स्थित कैंचियां चौराहे पर झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले परिवार सप्ताहभर से रोटी को तरस गए हैं। प्रशासन के लाख दावों के बावजूद इन परिवारों को कोई सहायता नहीं मिली है।

<p>झुग्गियों में रहने वाले परिवार रोटी को तरसे</p>
कैंचियां (श्रीगंगानगर). श्रीगंगानगर-सूरतगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर संख्या 62 पर स्थित कैंचियां चौराहे पर झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले परिवार सप्ताहभर से रोटी को तरस गए हैं। प्रशासन के लाख दावों के बावजूद इन परिवारों को कोई सहायता नहीं मिली है। कैंचियां हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा उपखंड की ग्राम पंचायत खोथांवाली के अंतर्गत आता है।
ये परिवार विवाह-शादी में ढोल बजाकर या भीख मांगकर अपना जीवन यापन करते हैं। अब देशव्यापी लॉक डाउन के चलते सात दिन से रोटी को तरस रहे हैं। जब इस संवाददाता ने झुग्गियों में जाकर इन परिवारों के मुखिया से बात की तो पता चला कि लॉक डाउन के दूसरे दिन क्षेत्र के कुछ समाजसेवीयों ने इन्हें एक-दो दिन का राशन जरूर उपलब्ध करवाया था परन्तु उसके बाद इनकी सुध नहीं लेने कोई नहीं आया। झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले बुजुर्ग,महिलाएं व बच्चे एक-एक रोटी के लिए तरस रहे हैं। इन परिवारों के लोगों ने बताया कि कैंचियां चौराहे पर वे पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं। कैंचियां सहित आस-पास के गांवों में जाकर भीख मांगते हैं या फिर दिहाड़ी मजदूरी कर जीवनयापन करते हैं। शादी-ब्याह के समय ढोल बजाते हैं जिससे इन्हें कुछ रुपए मिल जाते हैं। कैंचियां के आसपास इनकी करीब 50 झुग्गियां हैं। इनकी व्यथा सुन लगता है कि राज्य सरकार और प्रशासन के किसी को भूखा नहीं सोने देने के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
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