जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के साथ साथ आरयूआईडीपी के अधिकारियों के समक्ष लोगों ने शिकायतों का अंबार लगाया लेकिन इसके बावजूद कोई असर नहीं हुआ। सड़कों की मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति का खेल चल रहा है।
कई बार शिकायतें पार्षदों ने भी की लेकिन आरयूआईडीपी के अधिकारियों ने आदतन शिकायत बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। गुणवत्ता इतनी घटिया है कि आए दिन सड़कें फिर से उखड़ रही है। सेतिया कॉलोनी, जवाहरनगर, के ब्लॉक, एच ब्लॉक, जी ब्लॉक सहित कई इलाके में सीवर खुदाई का काम चल रहा है लेकिन वहां सड़कों का जीर्णोद्धार के नाम से औपचारिकताएं पूरी की जा रही है।
वार्ड 36 में महिला मंडल के पास सीवरेज पाइप लाइनों के बाद ठेकेदार ने वहां पेवर सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन देापहर में एकाएक मौसम में परिवर्तन हुआ और बरसात होने लगी।
इस बरसात के दौरान भी सड़क का निर्माण यथावत रहा। यह देखकर आसपास बसे लोगों ने वहां आकर हंगामा भी किया। लेकिन ठेकेदार के कार्मिकों ने एक न सुनी। इन लोगों ने उसी समय पार्षद गगनदीप कौर पांडे को बुला लिया।
पार्षद ने भी इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा दिए। इस पार्षद का कहना था कि बरसात के बीच सड़क का निर्माण किस आधार पर उचित रहेगा। लेकिन ठेकेदार के कार्मिकों और मिस्त्रियों पर इसका असर नहीं हुआ।
इधर, इंदिरा वाटिका के सामने जवाहरनगर सैक्टर छह और सात की सांझा रोड पर सीवर ठेका कंपनी ने पांच महीने के बाद वहां सडक का जीर्णोद्धार शुरू कराया। यहां भी बरसात के बीच सड़क का पेचवर्क किया गया। यह पूरी सड़क जर्जर हो चुकी है।
लेकिन सीवर ठेका कपंनी ने सिर्फ पेचवर्क से खानापूर्ति की है। इस रोड से कई कॉलोनियां में आवाजाही का रास्ता है। पिछले पांच महीने में तीन बार इस सड़क को खोदा जा चुका है।
मोहल्लेवासियों ने इस संबंध में आरयूआईडीपी के अधिकारियों को भी शिकायत की थी। यहां तक कि आरयूआईडीपी के एक्सईएन आशीष गुप्ता ने इस सड़क पर सीसी रोड बनाने का आश्वासन भी दिया था लेकिन इसके बावजूद यहां पेचवर्क से औपचारिकताएं पूरी की गई।