सप्ताह में पांच दिन लगेंगी ऑनलाइन कक्षाएं, हर कक्षा में दस-पंद्रह मिनट का अंतराल

-राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जारी की एडवाइजरी

<p>सप्ताह में पांच दिन लगेंगी ऑनलाइन कक्षाएं, हर कक्षा में दस-पंद्रह मिनट का अंतराल</p>
सप्ताह में पांच दिन लगेंगी ऑनलाइन कक्षाएं, हर कक्षा में दस-पंद्रह मिनट का अंतराल
-राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जारी की एडवाइजरी
कृष्ण चौहान

श्रीगंगानगर. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विश्वभर में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इसका सीधा असर गांव, ढाणी से लेकर उच्च स्तर तक देखा जा सकता है। बच्चों की पढ़ाई निर्बाध चलती भी रहे और बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। इसके लिए राज्य के विभिन्न राजकीय एवं निजी विद्यालयों की ओर से अपनाए जा रहे ऑनलाइन शिक्षण माध्यम के संबंध में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी की पालना के लिए माध्यमिक व प्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालयों को आदेशित किया है। आयोग की मंशा है कि ऑनलाइन कक्षाओं के कारण बच्चों पर मानसिक,शारीरिक व मनोवैज्ञानिक दबाव ना बने।
च्संभावित ऑनलाइन खतरों से रहें सावधानज्
कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण एक विकल्प हो सकता है। परंतु इस व्यवस्था को कक्षा-कक्ष का पूर्ण रूप से विकल्प के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। वर्तमान में बच्चों की ओर से सूचना व प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल और पहुंच ने उनके ऑनलाइन शोषण और दुरुपयोग के संभावित खतरे को भी बढ़ा दिए हैं। इसलिए अध्यापकों और अभिभावकों को यह विशेष ध्यान रखना है कि तकनीक का कब और कितना उपयोग किया जाए।
30 या 40 मिनट से अधिक ना हो क्लास

एडवाइजरी में स्पष्ट किया है कि उच्च प्राथमिक स्तर तक की कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अधिकतम 30-40 मिनट का एक सत्र हो। इसमें न्यूनतम 10-15 मिनट का अंतराल रखा जाना आवश्यक है। प्राथमिक स्तर तक की कक्षाओं के बच्चों के लिए छोटे-छोटे रोचक,ज्ञानवर्धक,10-15 मिनट के विडियो चित्रों के माध्यम से शिक्षण कराया जाए,ताकि बच्चों में ज्ञान, समझ के साथ-साथ रूचि बनी रहे और आंखों को भी आराम मिल सके। सामान्य पढ़ाई के लिए वीडियो की जगह ऑडियो क्लिप का इस्तेमाल बेहद आवश्यक है।
दूरदर्शन व आकाशवाणी को प्राथमिकता
आयोग का मानना है कि बच्चों को ऑनलाइन गृहकार्य कम से कम दिया जाए ताकि बच्चे लैपटॉप,कम्प्यूटर, मोबाइल से दूर रहे गृहकार्य ऑफलाइन करवाया जाए। विद्यार्थियों को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित हो रहे शिक्षा कार्यक्रम से अधिकाधिक लाभान्वित किया जाना है। आयोग ने सख्ती से कहा है कि बच्चों को किसी विशेष उपकरण या एप के लिए बाध्य नहीं किया जाए। इसके साथ ही ऑनलाइन कक्षाओं से पहले या बाद में बच्चों को योग,ध्यान और शारीरिक स्वास्थ्य की जानकारी भी दी जाए।
फैक्ट फाइल

(शाला दर्पण से अनुसार)
जिले में विद्यालय-1923

जिले में विद्यार्थी-160531
राज्य में विद्यालय-65402

राज्य में विद्यार्थी-6705680
गत वर्ष जिले में कक्षा 1-5 के कुल विद्यार्थी-88967

(इसके अतिरिक्त वेे विद्यार्थी जिनका इस वर्ष पहली कक्षा में प्रवेश होना है)।
…………..
वर्तमान में विद्यार्थियों के लिए 31 जुलाई तक परंपरागत कक्षा कक्षीय प्रणाली से शिक्षण के स्थान पर विभागीय डिजिटल प्लेटफार्म पर ऑनलाइन पढ़ाई ही जारी रहेंगी। बच्चों को रेडियो व टीवी पर प्रसारित शैक्षणिक कक्षाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ-साथ मोबाइल व अन्य गैजेट का विवेकपूर्ण प्रयोग बेहद जरूरी है।
-भूपेश शर्मा, सह संयोजक, विद्यार्थी सेवा केंद्र शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर।

ऑनलाइन शिक्षण के संबंध में राज्य बाल संरक्षण आयोग की जारी एडवाइजरी का सभी स्कूलों में अक्षरश:पालना करवाने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया है। इसमें बच्चों का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है।
-सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर।
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