रौनक बढ़ी तो भूलने लगे डेढ़ माह का लॉक डाउन

Locked down for a month and a half when Raunak grewश्रीगंगानगर में मॉडिफाइड लॉक डाउन में चौराहों तक सिमटी सोशल डिस्टेंस की पालना.

<p>रौनक बढ़ी तो भूलने लगे डेढ़ माह का लॉक डाउन</p>
श्रीगंगानगर. करीब डेढ़ माह के लंबे लॉक डाउन को अब लोग भूलने लगे है, ऐसे में मॉडिफाइड लॉक डाउन में खुले बाजार में अधिकांश जगहों पर सोशल डिस्टेंस की पालना नहीं हो रही है। हालांकि शहर के मुख्य चौराहों पर जहां जहां पुलिस का पहरा है, वहां वहां सोशल डिस्टेंस और मास्क पहनने का असर जरुर देखने को मिला।
बाजार खुलने के तीसरे दिन बुधवार को जिला मुख्यालय पर बाजार खुला तो दुकानों पर ग्राहकों की आवाजाही भी होने लगी। कई दुकानों पर सोशल डिस्टेंस की पालना तक भूला दिया गया। सदर बाजार, महावीर शॉपिंग सैंटर, तहबाजारी, पुरानी धानमंडी, गोलबाजार में ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
कई दुकानों पर एक साथ कई ग्राहक अंदर बैठकर खरीददारी करते नजर आए तो वहीं प्रताप मार्केट में महिलाएं साडिय़ों को खरीदने के दौरान एक साथ बैठी रही। सुखाडिय़ा शॉपिंग सैँटर और संतोषी माता मंदिर एरिया में वाहन ठीक कराने के लिए कारीगरों के यहां लोग आए लेकिन जरुरी काम निपटाकर रवाना भी हो गए।
इधर, शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस जाब्ते ने वाहन को रोककर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंस की पालना कराने की चेतावनी दी।

जिन लोगों को बाजार में सिर्फ घूमने का शौक है, वे भी बाजार में दिखाई दिए। इस वजह से बाजार एरिया में अधिक भीड़भाड़ रही। वहीं कई लोगों ने अपने जरुरी काम निपटाए। मिठाई की दुकान नहीं खुलने पर कई दुकानदारों ने राशन की दुकान पर बिकने वाले पैकिंग चिप्स, नमकीन और बिसलरी पानी की बोतलों को काउण्टर पर सजा दिया। सडक़ किनारे काउण्टर लगाकर नमकीन सामान समौसे, कचौड़ी, गोल गप्पे, चाऊमीन जैसे सामान नजर नहीं आया। हालांकि कुछ दुकानदारों ने दुकान के अंदर ऐसी आइटम बेची।
विभिन्न चौराहों पर पानवाडियों के खोखें पर बीड़ी-सिगरेट, जर्दा, गुटखा और पान की जगह वहां टॉफियां, चॉकलेट, मीटी और खट्टी गोलियां, सुपारी आदि आइटम बेच रहे थे। किसी जानकार के आने के बाद ही दुकानदार चोरी छुपे रखे गुटखा और जर्दा बेचने की हिम्मत करता नजर आया। गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी-सिगरेट बेचने वालों का कहना था कि एकाएक प्रतिबंध लगाने से उनका रोजगार छिन गया है, ऐसे में वे उनका परिवार कैसे चलेगा। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी सोचना चाहिए था।
इधर, नगर परिषद प्रशासन का कहना था कि दो दिन पहले परिषद की अलग अलग टीमों ने ऑन-इवन फार्मूले को लागू करने के लिए दुकानों के आगे सडक़ पर पेंट से दुकान नम्बर भी अंकित करवाए थे ताकि सोशल डिस्टेंस की पालना कराते हुए सम-विषम संख्या के अनुरुप दुकानें खुले लेकिन अब तक इस पर निर्णय हो पाया है।
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