इ-लाइब्रेरी…लॉकडाउन में नहीं रुकेगी दृष्टिबाधितों की पढ़ाई

-6 लाख से ज्यादा किताबों के साथ सुविधा दे रहा है सुगम्य पुस्तकालय

<p>इ-लाइब्रेरी&#8230;लॉकडाउन में नहीं रुकेगी दृष्टिबाधितों की पढ़ाई</p>
इ-लाइब्रेरी…लॉकडाउन में नहीं रुकेगी दृष्टिबाधितों की पढ़ाई
-6 लाख से ज्यादा किताबों के साथ सुविधा दे रहा है सुगम्य पुस्तकालय

-कृष्ण चौहान. श्रीगंगानगर. कोरोना काल में जहां पिछले दो शैक्षणिक सत्रों से परीक्षा और पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। वहीं विद्यार्थी परम्परागत शिक्षण से दूर होने पर भी मजबूर हुए हैं। और ऐसे समय में शिक्षा का डिजिटल मंच सभी के लिए संजीवनी बन कर उभरा है। सामान्य विद्यार्थियों के लिए तो ऑनलाइन शिक्षा के बहुत से माध्यम हैं। परंतु विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए हमेशा एक सीमा बनी रहती है। लेकिन बदलते समय के साथ अब ऑनलाइन शिक्षा के मंच पर सुगम्य पुस्तकालय दृष्टिबाधित और दिव्यांग विद्यार्थियों को छह लाख से अधिक किताबों के अध्ययन की सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। जिसकी मदद से विद्यार्थी कक्षा कक्षीय शिक्षण के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं तथा मनोरंजन संबंधी पुस्तकों का भी अध्ययन कर पा रहे हैं।
———–मंगवा सकते हैं पसंद की ब्रेल पुस्तकें
इस पोर्टल पर विशेष योग्यजन को किताब पढऩे के लिए किसी पढ़ कर सुनाने वाले व्यक्ति या स्वयंसेवकों की तलाश करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। सुगम्य पुस्तकालय पर शीघ्र खोज के बटन को क्लिक करते ही उसे अपनी पसंद की पुस्तकें मिल जाती हैं। इसके लिए डीएफआई संगठन में प्रिंट विकलांग सदस्य के रूप में पंजीकरण करवाना होता है। जिसके बाद वह डाउनलोड कर सकता है या ऑफ लाइन खरीद सकता है। साथ ही मोबाइल फोन, टेबलेट, कम्प्यूटर, डेजी प्लेयर जैसे अपनी पसंद के किसी भी उपकरण पर ब्रेल लिपि में भी पुस्तकें पढ़ी जा सकती है। ब्रेल प्रेस वाले संगठन के सदस्य के जरिए वे ब्रेल लिपि की प्रतिलिपि भी मंगवा सकते हैं।
-पुस्तकालयों में विशेष सॉफ्टवेयर की व्यवस्था
सुगम्य पुस्तकालय योजना के तहत विभिन्न सार्वजनिक पुस्तकालयों में भी कम्प्यूटर और जॉज जैसे की सॉफ्टवेयर की व्यवस्था होती है। किसी दृष्टिबाधित को पुस्तकें पढऩे में परेशानी आने पर वह इन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पुस्तक में दी गई जानकारियां को सुन भी सकता है।
-इन संस्थानों का रहता है कंटेंट
इस लाइब्रेरी पर उपलब्ध किताबों का कंटेंट उपलब्ध करवाने व सामग्री तैयार करने के लिए मुख्य रूप से एनआइइपीवीडी, एनआइवीएच, एनएबी, टीसीएस, हियर टू रीड, इन्फोर्मेटीका जैसे कई संगठनों व संस्थानों का सहयोग और योगदान रहता है।
फैक्ट फाइल
डाउनलोड किए जाने हेतु पुस्तकें
– 675417डेजी इंडिया लाइब्रेरी पर पुस्तकें

– 22183 डेजी इंडिया लाइब्रेरी फॉर्मेट
– 9 डेजी इंडिया लाइब्रेरी पर भाषाएं

सुगम्य पुस्तकालय पर दृष्टिबाधित व नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए ब्रेल व ऑडियो माध्यम में लाखों पुस्तकें, मैगजीन और समाचार पत्र अपलोड हैं। पोर्टल पर पंजीकरण उपरांत विद्यार्थी इनका लाभ उठा सकते हैं।
-भूपेश शर्मा, समन्वयक, जिला दिव्यांंगता प्रकोष्ठ, शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर
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