Tokyo Olympics 2020: गोल्ड जीतने पर नीरज चोपड़ा को मिल रही जबर्दस्त बधाइयां, हुई इनामों की बौछार
नीरज चोपड़ा ने शनिवार को भाला फेंक के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 87.58 मीटर का थ्रो करके दुनिया के दिग्गज जैवलिन थ्रोअर को मात दे दी। इसके साथ ही भारत को टोक्यो ओलंपिक में पहला गोल्ड मिला। इससे पहले आखिरी बार भारत को 2012 में गोल्ड मेडल मिला था। शूटर अभिनव बिंद्रा ने लंदन ओलंपिक में शूटिंग में गोल्ड मेडल हासिल किया था।
जीत के बाद नीरज ने दी पहली प्रतिक्रिया
टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद नीरज चोपड़ा ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‘मुझे पता था कि मैं अपना बेस्ट दूंगा। आज कुछ अलग करना था, लेकिन गोल्ड मेडल के बारे में मैंने नहीं सोचा था।’ नीरज ने आगे कहा कि जब राष्ट्रगान की धुन बजी और तिरंगा लहराया.. मेरे शरीर में करंट दौड़ गया… मेरी आंखों में आंसू आ गए.. विश्वास नहीं हो रहा है.. पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिए मैं बहुत खुश हूं।’
ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने आगे कहा कि इस साल सबसे जरूरी अंतर्राष्ट्रीय कंपटीशन खेलना था। सभी ने सहयोग दिया। बीच में मुझे जो 2-3 अंतर्राष्ट्रीय कंपटीशन मिले वे मेरे लिए जरूरी थे। इसी वजह से मैं कंपटीशन खेला। ओलंपिक था लेकिन दबाव नहीं था कि मैं बड़े थ्रोअर्स के बीच खेल रहा हूं।
Tokyo Olympics 2020: नीरज ने दिलाया 10वां गोल्ड, 1900 से लेकर अब तक भारत को मिले 35 मेडल्स
लग रहा था कि इनके साथ मैं पहले खेला हूं। मैं अपनी परफॉर्मेंस पर काफी फोकस कर पा रहा था। चोट लगने के बाद काफी उतार चढ़ाव आए। आप सभी ने मदद की। मेरी मेहनत तो है ही साथ-साथ आप सभी की भी मेहनत है। सभी सुविधाओं के लिए धन्यवाद।
उन्होंने आगे कहा कि मैं आशा करता हूं कि AFI खासकर एथलेटिक्स और जैवलिन को और बढ़ावा दे क्योंकि मुझे लगता है कि भारत में बहुत प्रतिभा है। वे धीरे-धीरे सामने आएंगे। ओलंपिक में और अच्छा कर सकते हैं। मुझे लग रहा है कि हम कुछ भी कर सकते हैं। पहला थ्रो अगर हम अच्छा कर लें तो खुद पर भी कॉन्फिडेंस आ जाता है और दूसरे एथलीट पर दबाव हो जाता है। सेकेंड थ्रो भी काफी स्टेबल थी। कहीं न कहीं मेरे दिमाग में आया कि ओलंपिक रिकॉर्ड के लिए कोशिश करता हूं। अब 90 मीटर के मार्क को हासिल करना है।
ये तो था ही कि मेडल लेकर आना है लेकिन जिस समय फील्ड में होता हूं दिमाग में इधर-उधर की बातें नहीं आतीं। मैं पूरा फोकस इवेंट पर ही करता हूं। रनवे पर खड़ा होता हूं तो मेरा पूरा फोकस थ्रो पर होता है और मैं अपना थ्रो सही से कर पाता हूं।