Tokyo Olympics 2020: नीरज चोपड़ा ने किया खुलासा: गोल्ड मेडल जीतने के बाद शरीर में हो रहा था तेज दर्द

Tokyo Olympics 2020: स्वदेश लौटने पर नीरज का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ियों का सम्मान समारोह हुआ। नीरज ने कहा कि उन्‍होंने जो हासिल किया है, उसे देखते हुए उनका दर्द सहन करने लायक था।

Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक में इस बार भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। सोमवार को नीरज भारत लौटे। स्वदेश लौटने पर एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद नई दिल्ली में ओलंपिक मेडलिस्ट खिलाड़ियों का सम्मान समारोह हुआ। इस दौरान नीरज ने खुलासा किया कि फाइनल राउंड में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अगले दिन उनके शरीर में बहुत तेज दर्द हो रहा था। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्‍होंने जो हासिल किया है, उसे देखते हुए उनका दर्द सहन करने लायक था।
दूसरे प्रयास में फेंका था 87.58 मीटर का थ्रो
टोक्यो से भारत लौटने के बाद पदक विजेताओं के लिए आयोजित सम्‍मान समारोह में नीरज ने कहा कि वह जानते थे कि दूसरी कोशिश में वह कुछ खास करने वाले थे। दूसरे प्रयास में नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंका, जिसने उन्‍हें गोल्‍ड मेडल दिलाया। इस थ्रो की वजह से ही भारत को एथलेटिक्‍स में पहला ओलंपिक मेडल मिला। नीरज ने फाइनल राउंड में अपने प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा,’मुझे पता था कि मैंने कुछ खास किया है, वास्‍तव में मुझे लगा था कि मैंने अपना सर्वश्रेष्‍ठ हासिल कर लिया।’
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अगले दिन शरीर में हो रहा था तेज दर्द
नीरज चोपड़ा ने बताया कि गोल्ड मेडल जीतने के अगले दिन सुबह उनके शरीर में बहुत तेज दर्द हो रहा था, लेकिन गोल्ड मेडल जीतने के उत्साह के सामने उस दर्द को सहन करने में कोई परेशानी नहीं थी। नीरज ने कहा कि यह पदक पूरे देश के लिए है। नीरज ने बताया कि मेडल जीतने के बाद से न तो वह सही से सो सके हैं और न ही खा सके हैं। लेकिन जब भी मेडल को देखते हैं तो सब सही लगता है। सम्मान समारोह के दौरान नीरज ने अपना गोल्ड मेडल सभी को दिखाते हुए कहा कि यह मेडल पूरे देश का है।
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‘किसी से डरो मत, अपना बेस्ट दो’
वहीं नीरज ने देश के सभी खिलाड़ियों को मैसेज देते हुए कहा कि कभी भी डरो नहीं। विरोधी चाहे कोई भी हो, हमेशा अपना बेस्ट दो। साथ ही नीरजे ने कहा कि मुकाबले में उनके सामने कई बड़े-बड़े खिलाड़ी थे, लेकिन उन्हें खुद पर भरोसा था। इस वजह से उनको कामयाबी मिली। नीरज चोपड़ा ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 13 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी के अलावा ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बने।
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