‘जीत हार जीवन का हिस्सा है’
मैरी कॉम ने टोक्यो ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाने को लेकर माफी मांगी। हालांकि प्रधानमंत्री ने कहा, जीत और हार जीवन का हिस्सा है। आपने खेल की दुनिया में बहुत बड़ा योगदान दिया है, विशेषकर भारत में। यह आपकी देन है जिसके कारण आज महिला एथलीट सुर्खियों में है। पिछले दशक से आप हावी रही हैं और आपने बहुत कुछ हासिल किया है।
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‘हार के बाद आंखों में आंसू और चेहरे थी मुस्कान’
विश्व चैंपियन मैरी कॉम टोक्यो ओलंपिक 2020 में अंतिम 16 के मुकाबले में हारकर बाहर हो गई थीं। उन्हें कोलंबिया की इनग्रिट वेलेंसिया ने 3-2 से हराया। 38 साल की मैरी कॉम छह बार की वर्ल्ड चैंपियन रही हैं और भारत की सबसे बड़ी महिला मुक्केबाज हैं। मैरीकॉम का यह अंतिम ओलंपिक था। टोक्यो ओलंपिक के अपने मुकाबले में मैच के बाद जब रैफरी ने वालेंसिया का हाथ ऊपर उठाया तो मैरी कॉम की आंखों में आंसू और चेहरे पर मुस्कान थी। भले ही मैरी कॉम खुद मैच हार गईं, लेकिन उन्होंने खेल भावना का परिचय देते हुए विपक्षी खिलाड़ी के हाथ उठाकर उन्हें बधाई दी। मैरी कॉम 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं।