अर्थ आवर की शुरूआत साल 2007 में आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से की गई थी और देखते ही देखते कुछ ही सालों में ये काफी मशहूर हो गया, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2008 में कुल 35 देशों ने अर्थ आवर डे में हिस्सा लिया था। वर्तमान समय में ये संख्या बढ़कर 178 हो गई है।
अब हमारे दिमाग में ये सवाल आ सकता है कि एक दिन, एक घंटे बिजली बचाने से क्या हो जाएगा? तो जरा सोचिए 178 देशों के सभी नागरिक यदि एक घंटे के लिए भी बिजली बचाए तो ऐेसे में कितनी ज्यादा बचत होगी और सिर्फ इतना ही नहीं इस दिन लोग एकजुट होकर एक-दूसरे से बिजली के दुरूपयोग से बचने का संदेश भी देते हैं। इससे हम अपने साथ-साथ अपनी आने वाली पीढ़ी, अपने देश और पर्यावरण को बचा सकेंगे।
बता दें, अर्थ आवर डे प्रतिवर्ष मार्च के महीने के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है। लोग समूह में कैंडल जलाकर इस दिन को सेलीबे्रट करते हैं। इस साल 11वें अर्थ ऑवर को मनाया गया जिसमें रात के 8:30 से 9:30 के बीच लोगों ने अपने घरों, दुकानों, सड़कों की लाइट्स को ऑफ रख इसको मनाया और आशा यही रखी जाती है कि आगे चलकर इससे और भी ज्यादा लोग, और भी कई देश जुड़े।