एक तस्वीर में 3 पीढ़ी के कैमरे: पहला 1860 का बॉक्स कैमरा— जिससे आज भी फ़ोटो होती है, दूसरा— डिजिटल डीएसएलआर कैमरा जो सबसे ज्यादा चलता है और तीसरा— मोबाइल कैमरा जो सबसे ज्यादा प्रचलित है। एक फोटो में तीन पीढ़ी के कैमरे, फ़ोटो : जयपुर से अनुग्रह सोलोमन
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर छोटी झील किनारे बने पार्क में लगे खजूर के पेड़ों ओर हरियाली में दमकता पुराने शहर की ये खूबसूरत, तस्वीर 360 डिग्री में लिया गया फ़ोटो। फोटो: भोपाल से अजय शर्मा
मुस्कराहट उम्र नहीं देखती : विश्व फोटोग्राफी दिवस की पूर्व संध्या पर श्रीगंगानगर हाईवे के समीप अस्थाई झौंपड़ी में रहने वाली 93 वर्षीय महिला अपने परिवार के बच्चों के साथ मोबाइल में अपनी ही फोटो देखकर मुस्कराती है। फोटो: नौशाद अली।
बदली फोटोग्राफी में सेल्फी का जमाना... विश्व फोटोग्राफी दिवस पर फोटोग्राफी में बदलाव देखने को मिला। कैमरे की जगह मोबाइल ने ले ली है। बड़े तो बड़े बच्चे भी अब मोबाइल पर सेल्फी लेते दिखाई देने लगे हैं। जोधपुर शहर के पावटा जिला अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर चूडियां बेचने वाली एक महिला के साथ आए बच्चे भी कुछ इस तरह सेल्फी लेते नजर आए। फोटो- जेके भाटी
'मौत का मचान' खतरे में बचपन धौलपुर शहर के पास स्थित थर्मल पावर प्लांट के सामने 220 केबी हाईटेंशन विधुत टावर पर बने मचान पर बैठे खतरे से अनजान इन मासूमों को अपने कैमरे में कैद किया। फ़ोटो: नरेश लवानियां
विश्व फोटोग्राफी दिवस आज...... बदलते युग के साथ फोटोग्राफी भी बदली पहले ब्लैक एंड वाइट का जमाना था फिर कलर फोटोग्राफी का जमाना आया इसके बाद डिजिटल युग है भरतपुर शहर के लोहागढ़ दुर्ग व गंगा मंदिर के विहंगम दृश्य को ड्रोन कैमरे से कैद किया है । फोटो: भरतपुर से विनोद शर्मा
बर्ड ओर गिलहरी फोटोग्राफी करते। फोटो : जयपुर से संजय कुमावत
युवाओं ने ली सेल्फी... विश्व फोटोग्राफी दिवस पर फोटोग्राफी में बदलाव देखने को मिला। कैमरे की जगह मोबाइल ने ले ली है। जोधपुर के जेडीए चौराहे के पास सेल्फी लेते युवा। फोटो- जेके भाटी