दुनिया के सभ्य और विकसित देशों में भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो घटना के समय छेड़छाड़ का विरोध नहीं कर पाती हैं जिससे छेड़छाड़ करने वाला भाग निकलता है। बाद में कार्रवाई भी नहीं हो पाती है। जो महिलाएं घटना के समय छेड़छाड़ का विरोध नहीं कर पाती हैं या संकोच करती हैं ऐसी महिलाओं के लिए जापान पुलिस ने एक स्मार्ट फोन ऐप सेवा शुरू की है जिसके अंदर महिलाओं को छेड़छाड़ से बचाने के लिए कई मददगार सेफ्टी फीचर दिए गए हैं। इस ऐप ने महिलाओं की हिम्मत बढ़ाई है।
इसे अब तक सवा दो लाख यूजर्स डाउनलोड कर चुके हैं। इसमें पीडि़ता जैसे ही इमरजेंसी बटन दबाती है तो उसके मोबाइल फोन से तेज आवाज ‘स्टॉप’ आती है। साथ ही मोबाइल की स्क्रीन पर मेरी मदद करो (प्लीज हेल्प मी) बड़े अक्षरों में लिखा आता है। इनसे आसपास के लोगों को महिला के साथ होने वाली घटना की जानकारी हो जाती है। तुरंत ही आरोपित व्यक्ति की पहचान हो जाती है। साथ ही इस घटना व लोकेशन की जानकारी पास की पुलिस और परिजनों को भी पहुंच जाती है। इसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया है। भारत में महिलाओं की सुरक्षा लेकर पैनिक बटन शुरू करने की योजना थी लेकिन पूर्ण रूप से साकार नहीं हो सकी है।