डॉ. पूर्णिमा बर्मन: ग्रामीण महिलाओं को बनाया वनसंरक्षक
डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन एक प्रकृति संरक्षक और जीवविज्ञानी हैं। साल 2019 में 12 साल तक सारस की लुप्त होती प्रजाति ‘ग्रेटर एडजुटेंट स्टोर्क’ के संरक्षण के लिए उन्हें ‘ग्रीन ऑस्कर’ के रूप में जाना जाने वाला प्रतिष्ठित व्हिटले अवॉर्ड भी मिल चुका है। एक प्रकृति संरक्षणविद जीवविज्ञानी के नाते उनकी सेवाओं और उपलब्धियों के लिए वे महिलाओं को दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित की जा चुकी हैं।
डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन एक प्रकृति संरक्षक और जीवविज्ञानी हैं। साल 2019 में 12 साल तक सारस की लुप्त होती प्रजाति ‘ग्रेटर एडजुटेंट स्टोर्क’ के संरक्षण के लिए उन्हें ‘ग्रीन ऑस्कर’ के रूप में जाना जाने वाला प्रतिष्ठित व्हिटले अवॉर्ड भी मिल चुका है। एक प्रकृति संरक्षणविद जीवविज्ञानी के नाते उनकी सेवाओं और उपलब्धियों के लिए वे महिलाओं को दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित की जा चुकी हैं।
उन्होंने ग्रामीण और जनजातीय महिलाओं का एक समूह ‘हरगीला आर्मी’ बनाई है। इनका काम जंगल में पेड़-पौधों की सुरक्षा करना और प्रकृति के संरक्षण के प्रति अन्य ग्रामीणों को जागरूक करना। इस समूह में अब ४०० से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं। वे चीन, कम्बोडिया, अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, अर्जेंटीना, मेक्सिको, मलेशिया, जर्मनी और न्यूजीलैंड में ‘वुमन इन नेचर नेटवर्क’ के तहत भारत का प्रतिनिाित्व कर चुकी हैं।