She News : मिलिए ‘मोगली वुमन’ की ‘रमैया फैमिली’ से

प्रेरणा: जिन घायल बेजुबानों को कहीं आश्रय नहीं मिलता, उन्हें ‘रमैया फैमिली’ में दुलार मिलता है। इस फैमिली को बनाया है वाराणसी की रहने वाली स्वाति बालानी ने।

<p>She News : मिलिए &#8216;मोगली वुमन&#8217; की &#8216;रमैया फैमिली&#8217; से</p>
पत्रिका न्यूज नेटवर्क. जयपुर. जिन घायल बेजुबानों को कहीं आश्रय नहीं मिलता, उन्हें ‘रमैया फैमिली’ में दुलार मिलता है। इस फैमिली को बनाया है वाराणसी की रहने वाली स्वाति बालानी ने। वह वैसे तो प्रोफेशन से पर्सनेल्टी डेवलपमेंट ट्रेनर हैं, लेकिन इन बेजुबान जानवरों के लिए इनका प्यार मां से कम नहीं है। वाराणसी में इन्हें लोग ‘मोगली वुमन’ के नाम से बुलाते हैं। उनका घर मिनी जू से कम नहीं है।
इस घर में 20 श्वान, 13 बिल्लियां, तीन बुल, चील, कबूतर सहित पांच दर्जन से ज्यादा पक्षी रहते हैं। खास बात यह है कि कोई भी जानवर यहां पिंजरे में नहीं रहता है। स्वाति कहती हैं कि उनके घर में कई श्वान ऐसे हैं, जिनके पैर खराब हैं। एक बुल ऐसा है, जिसे दिखाई नहीं देता। नगर निकाय ने इसे स्वाति को सौंपा है। स्वाति ने बताया कि एमबीए के बाद मैंने मुंबई में नौकरी की, लेकिन 2013 में इन बेजुबानों की सेवा के लिए वाराणसी वापस आ गई। वे कहती हैं कि मेरे इस परिवार को संभालने में मेरे माता-पिता का भी पूरा सहयोग है।

उससे जुड़ा था मेरा गहरा नाता

स्वाति बताती हैं कि वर्ष 1992 में मैंने एक मदारी को बंदरिया को परेशान करते देखा। तब मैं उस मदारी से बंदरिया छीन लाई। उसके बाद से वह मेरे पास ही रही। मैंने उसका नाम रमैया रखा। उसी ने मुझे बेजुबानों से प्यार करना सिखाया और मेरा उससे गहरा नाता जुड़ा। इसलिए मैंने इस परिवार का नाम रमैया फैमिली रखा।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.