आने वाली पीढ़ी को 75 साल के अध्यापक ने दी 30 हजार पौधों की विरासत

पर्यावरण प्रहरी के रूप में 11 साल की उम्र से लगा रहे पौधे

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भारत के कुछ शहरों की आब-ओ-हवा को दुनिया की सबसे जहरीली हवा की सूची में शामिल किया गया है। लेकिन ओडिशा के अंतर्यामी साहू इस तस्वीर को अकेले ही बदलने में जुटे हुए हैं। सार्वजनिक स्थानों पर शुद्ध हवा, छांव और हरियाली केसाथ ग्रीन जोन विकसित करने के लिए वे अब तक 30 हजार से ज्यादा पौधे रोप चुके हैं। इतना ही नहीं, हाथ से बने पोस्टर के जरिए वे लोगों को भी पेड़-पौधे लगाने के लिए जागरूक करते हैं।

2004 तक लगाए 10 हज़ार पौधे
पेशे से अध्यापक रहे साहू ने 11 साल की उम्र में पहला पौधा लगया था। अब 75 साल के हो चुके साहू अपने गांव, सड़क के दोनों किनारों पर, खाली पड़ी जमीन, सार्वजनिक पार्क और स्कूल परिसर में हजारों पौधे लगा चुके हैं। वर्ष 2004 तक उन्होंने अकेले ही 10 हजार से ज्यादा पौधे लगाए जबकि बाकी 20 हजार उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर रोपे हैं।

वे दुर्लभ प्रजाति के करीब 40 स्थानीय पेड़-पौधों के बीजों को सहेजने का काम भी कर रहे हैं। वे लोगों को बीज भी देते हैं। उनके लगाए पौधों में बरगद, पीपल, बील, साल, नीम, शीशम और फलदार पौधे शामिल हैं।
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