2004 तक लगाए 10 हज़ार पौधे
पेशे से अध्यापक रहे साहू ने 11 साल की उम्र में पहला पौधा लगया था। अब 75 साल के हो चुके साहू अपने गांव, सड़क के दोनों किनारों पर, खाली पड़ी जमीन, सार्वजनिक पार्क और स्कूल परिसर में हजारों पौधे लगा चुके हैं। वर्ष 2004 तक उन्होंने अकेले ही 10 हजार से ज्यादा पौधे लगाए जबकि बाकी 20 हजार उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर रोपे हैं।
वे दुर्लभ प्रजाति के करीब 40 स्थानीय पेड़-पौधों के बीजों को सहेजने का काम भी कर रहे हैं। वे लोगों को बीज भी देते हैं। उनके लगाए पौधों में बरगद, पीपल, बील, साल, नीम, शीशम और फलदार पौधे शामिल हैं।