अध्ययन में कहा गया है कि कोरोनावायरस के मामले में हो सकता है कि उत्परिवर्तन की प्रक्रिया आकस्मिक ना हो। वहीं मानव इसे कमजोर करने के लिए रक्षा तंत्र के रूप में उत्परिवर्तित कर रहे हैं। नव-कोरोना वायरस सार्स-कोव-2 से जुड़ा ये अध्ययन ‘मॉलीक्यूलर बॉयलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने विश्वभर से 15,000 से अधिक वायरस जीनोम का आकलन किया और 6,000 से अधिक उत्परिवर्तनों की पहचान की गई।