नया अध्ययन: कोरोना बदल रहा है रूप

-विश्वभर में अभी तक 6,000 से अधिक उत्परिवर्तनों की पहचान की गई है।

<p>कोरोना बदल रहा है रूप</p>
नई दिल्ली. नए अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना वायरस का कुछ उत्परिवर्तन मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली से संबंधित उस प्रोटीन से दिशा-निर्देशित होता है जो इसे कमजोर करने में सहायक है, लेकिन वायरस इसके खिलाफ फिर उठ खड़ा होता है। यह खोज कोविड-19 के खात्मे के लिए नए टीके तैयार करने में मददगार हो सकती है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के एलन राइस सहित अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि जब सभी जीवधारी उत्परिवर्तन करते हैं तो यह प्रक्रिया सामान्य तौर पर आकस्मिक होती है। विश्वभर में अभी तक 6,000 से अधिक उत्परिवर्तनों की पहचान की गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि कोरोनावायरस के मामले में हो सकता है कि उत्परिवर्तन की प्रक्रिया आकस्मिक ना हो। वहीं मानव इसे कमजोर करने के लिए रक्षा तंत्र के रूप में उत्परिवर्तित कर रहे हैं। नव-कोरोना वायरस सार्स-कोव-2 से जुड़ा ये अध्ययन ‘मॉलीक्यूलर बॉयलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने विश्वभर से 15,000 से अधिक वायरस जीनोम का आकलन किया और 6,000 से अधिक उत्परिवर्तनों की पहचान की गई।
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