इसलिए बने ग्रैंडफादर ऑफ एलर्जी
मौसम बदलने के साथ परागकणों के हवा में फैल जाने से होने वाली विभिन्न एलर्जी के बारे में उनकी खोज ने उन्हें चिकित्सा जगत में ऊंचा दर्जा दिलाया। उन्होंने ऐसी प्रणली विकसित की जो इन परागकणों से होने वाली एलर्जी को समझने में मदद कर सके। इतना ही नहीं उन्होंने समाचार पत्रों को मौसम का पूर्वानुमान प्रकाशित करने के साथ ही परागकणों के प्रसार के बारे में भी छापने को कहा।
मौसम बदलने के साथ परागकणों के हवा में फैल जाने से होने वाली विभिन्न एलर्जी के बारे में उनकी खोज ने उन्हें चिकित्सा जगत में ऊंचा दर्जा दिलाया। उन्होंने ऐसी प्रणली विकसित की जो इन परागकणों से होने वाली एलर्जी को समझने में मदद कर सके। इतना ही नहीं उन्होंने समाचार पत्रों को मौसम का पूर्वानुमान प्रकाशित करने के साथ ही परागकणों के प्रसार के बारे में भी छापने को कहा।
अपने दिमाग को रखें सक्रिय
डॉ. बिल कहते हैं कि समय के साथ मानसिक क्षमताओं में गिरावट आमतौर पर उम्र बढऩे की आशंका का एक पहलू है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह अपरिहार्य है। दिमाग को सक्रिय रखना और जीवन में लंबे समय तक काम करते रहने से वास्तव में मस्तिष्क की नई कोशिकाओं और तंत्रिका संबंधी बीमारियों को दूर रखता है। अच्छी और लंबी जिंदगी का राज बताते हुए वे कहते हैं कि सक्रिय रहें, धूम्रपान न करें, भूख से ज्यादा खाना न खाएं और रोज थोड़ा ही सही लेकिन व्यायाम करें। सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और भावानात्मक रूप से जो कुछ भी आपके आस-पास घटित हो रहा हो उसका हिस्सा बनिए।
डॉ. बिल कहते हैं कि समय के साथ मानसिक क्षमताओं में गिरावट आमतौर पर उम्र बढऩे की आशंका का एक पहलू है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह अपरिहार्य है। दिमाग को सक्रिय रखना और जीवन में लंबे समय तक काम करते रहने से वास्तव में मस्तिष्क की नई कोशिकाओं और तंत्रिका संबंधी बीमारियों को दूर रखता है। अच्छी और लंबी जिंदगी का राज बताते हुए वे कहते हैं कि सक्रिय रहें, धूम्रपान न करें, भूख से ज्यादा खाना न खाएं और रोज थोड़ा ही सही लेकिन व्यायाम करें। सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और भावानात्मक रूप से जो कुछ भी आपके आस-पास घटित हो रहा हो उसका हिस्सा बनिए।
जब फटकार दिया तानाशाह सद्दाम हुसैन को डॉ. बिल चिकित्सा इतिहास के सबसे प्रसिद्ध डॉक्टरों में से एक हैं। 1979 में उन्होंने इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन की भी एलर्जी से पीडि़त होने पर देखभाल की थी। ये बिल ही थे जिन्होंने सद्दाम को रोज 40 सिगरेट पीने पर डांटा था और धमकी दी थी कि अगर वे नहीं मानें तो वे दोबारा उन्हें देखने नहीं आएंगे। बिल की डांट सुनकर भी चुप रहने वाले ये वही सद्दाम थे जिन्होंने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से उन्हें उबार न पाने के चलते अपने स्वास्थ्य मंत्री को गोली मार दी थी।