FUKUSHIMA : जापान छोड़ेगा समुद्र में परमाणु संयंत्र का पानी, पड़ोसी देशों ने किया विरोध

-जापान का दावा, ट्रीटमेंट के बाद पानी लायक हो जाएगा-दस वर्ष पहले आई सुनामी के दौरान क्षतिग्रस्त हुआ था फुकुशिमा परमाणु संयंत्र

<p>सुनामी के दौरान क्षतिग्रस्त हुआ था फुकुशिमा परमाणु संयंत्र</p>
दस वर्ष पहले सुनामी के दौरान क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से दूषित हुए दस लाख टन पानी को समुद्र में छोडऩे के निर्णय पर जापान और चीन के बीच तकरार बढ़ गई है। जापान के उप प्रधानमंत्री तारो ऐसो ने पानी में रेडियोधर्मी पदार्थ की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि ट्रीटमेंट के बाद ये पानी पीने के लिए सुरक्षित होगा। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने तत्काल टिप्पणी कर डाली कि यदि पानी ठीक है तो इसे पीकर दिखाएं। जापान ने चीन के दया बे बिजली संयंत्रों का हवाला दिया, जिनसे समुद्र में रेडियोधर्मी ट्राइटियम छोड़ा गया था। इस पर चीन ने कहा, जापान को माइनमाटा बीमारी को नहीं भूलना चाहिए, जो समुद्र में रेडियोधर्मी पानी छोडऩे से फैली थी। बहरहाल, जापान के इस निर्णय से चीन के अलावा दक्षिण कोरिया और ताइवान ने भी आपत्ति जताई है। इस क्षेत्र में ताइवान का बड़े स्तर पर मछली पालन व्यवसाय होता है।
ट्राइटियम का खतरा तो बना रहेगा
जापान सरकार का दावा है कि पानी से खतरनाक तत्वों को हटाकर इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के आधार पर पीने योग्य बना दिया जाएगा। लेकिन ट्राइटियम (हाइड्रोजन का रेडियोधर्मी रूप) को नहीं हटाया जा सकेगा। हालांकि विकिरण विशेषज्ञों का कहना है कि पानी में मौजूद ट्राइटियम जल्द ही शरीर से बाहर हो जाएगा। जलशोधन की पूरी प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की मौजूदगी में होगी।
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