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CLIMATE DISASTER : जानिए, जलवायु परिवर्तन ने कैसे छीनी पर्यटन स्थलों की रौनक

-वैज्ञानिकों को आशंका सदी के अंत तक खत्म हो जाएंगी ऑस्ट्रेलिया की ग्रेट बैरियर रीफ के मूंगे (Scientists fear the coral of Australia’s Great Barrier Reef will end by the end of the century)

जयपुरJan 20, 2021 / 08:35 pm

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कार्बन फुटप्रिंट बढऩे से घटी ध्रुवीय भालुओं की संख्या।

घटते जंगल, बढ़ता कार्बन उत्सर्जन से जैव विविधता को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। इसके कारण विश्व के कई प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की रौनक फीकी पडऩे से सैलानियों का मोहभंग हो रहा है।
कनाडा में कम हो रहे ध्रुवीय भालू
कनाडा में ध्रुवीय भालू देखने के लिए होने वाली सफारी से कार्बन फुटप्रिंट कई गुना बढ़ गया। जिससे ध्रुवीय भालू कम हो रहे हैं। 2018 में द. गोलाद्र्ध स्थित अंटार्कटिका में रेकॉर्ड 46 हजार सैलानी पहुंचे थे।
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ऑस्ट्रेलिया की ग्रेट बैरियर रीफ
ऑस्ट्रेलिया में प्रसिद्ध मूंगे की चट्टान को हर वर्ष करीब 20 लाख लोग देखने आते हैं, लेकिन तापमान बढऩे से शैवाल कम हो रहे हैं। वैज्ञानिकों की चिंता है, सदी के अंत तक इसका 90त्न हिस्सा खत्म हो जाएगा।
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फ्लोरिडा के एवरग्लेड वेटलैंड
द्वीप ही नहीं दलदली इलाकों तक भी जलवायु का खतरा बढ़ गया। विश्व धरोहर में शामिल फ्लोरिडा के एवरग्लेड वेटलैंड तेजी से गायब हो रहे हैं। पिछले सदी में इसके आधे हिस्से को सुखाकर खेती की जाने लगी है। बाकी की प्राकृतिक दलदल में नमकीन पानी आ रहा है।
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अफ्रीकी नेशनल पार्क में कम हुए सैलानी
सवाना मैदानों के पीछे किलिमंजारो पर्वत की बर्फीली चोटियां पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण होती हैं। हर वर्ष यहां पर्यटन से 5 करोड़ डॉलर की आय होती है। लेकिन बर्फ पिघलने से रौनक खत्म हो रही है। एक सदी में यहां की 85 फीसदी बर्फ पिघल चुकी है।

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