लेकिन यह तथ्य ऐतिहासिक रूप से गलत है कि फ्रांस और ब्रिटेन दासप्रथा को खत्म करने वाले पहले देश थे। यह श्रेय पूरी तरह से हैती (Haiti) को जाता है। हैती अपने अस्तित्व के पहले दिन से ही दासता और दास व्यापार (Slave Trade) पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने वाला पहला राष्ट्र है। दुनिया भर में गुलामी और उपनिवेशवाद को उखाड़ फेंकने के लिए हैतियन के साहसिक कारनामों के सामने ब्रिटेन और फ्रांस जैसे गुलाम पसंद देशों की तथाकथित ‘प्रबुद्धता’ बौनी नजर आती है।
औपनिवेशिक कॉलोनी से सम्प्रभु राष्ट्र
1697 में हैती सेंट डोमिंगु नाम का एक फ्रांसीसी उपनिवेश था। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक हैती दुनिया में सबसे अधिक धन-उगलने वाली उपनिवेश था जो फ्रांस को चीनी, कॉफी और नील निर्यात करती थी। गुलाम पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने लुई चौदहवें के कोड नोइर के तहत हिंसक दासप्रथा के तहत इस धन का निर्यात किया था, जिसने इसे विनियमित और वैध बनाया। गुलामों के बीच मृत्यु दर इतनी अधिक थी कि फ्रांसीसी लगातार नए बंदी आयात करते थे। अकेले अफ्रीका से ही लगभग दो-तिहाई गुलामों का आयात किया गया था। 1791 में सेंट डोमिंग्यू के गुलामों ने फ्रांसीसी दासता के खिलाफ एकजुट हो विद्रोह कर दिया। 13 साल चली इस हैतियन क्रांति के बाद 1793 में विद्रोहियों ने खुद को मुक्त कर लिया।
1697 में हैती सेंट डोमिंगु नाम का एक फ्रांसीसी उपनिवेश था। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक हैती दुनिया में सबसे अधिक धन-उगलने वाली उपनिवेश था जो फ्रांस को चीनी, कॉफी और नील निर्यात करती थी। गुलाम पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने लुई चौदहवें के कोड नोइर के तहत हिंसक दासप्रथा के तहत इस धन का निर्यात किया था, जिसने इसे विनियमित और वैध बनाया। गुलामों के बीच मृत्यु दर इतनी अधिक थी कि फ्रांसीसी लगातार नए बंदी आयात करते थे। अकेले अफ्रीका से ही लगभग दो-तिहाई गुलामों का आयात किया गया था। 1791 में सेंट डोमिंग्यू के गुलामों ने फ्रांसीसी दासता के खिलाफ एकजुट हो विद्रोह कर दिया। 13 साल चली इस हैतियन क्रांति के बाद 1793 में विद्रोहियों ने खुद को मुक्त कर लिया।
1801 में विद्रोहियों के नेता गवर्नर टाउसेंट ला’वुवर्चर ने संविधान पास कर दास प्रथा को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। इसकें बाद फ्रांसीसी औपनिवेशसे हमेशा के लिए आजादी पाने के लिए 1802 में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई जिसका नारा था ‘आजादी या मौत’। जीन-जैक्स डैस्सालाइंस के नेतृत्व में 1 जनवरी, 1804 को डैस्सालाइंस ने हैती को स्वतंत्र घोषित कर दिया। स्थापना के दिन से हैती में दासता को प्रतिबंधित कर दिया गया था। अगले साल ही दूसरा संविधान लाया गया और अनुच्छेद-2 के तहत दासप्रथा, दास-व्यापार को पूरी तरह से अपराध घोषित कर दिया गया।