आंकड़ों में खाने की बर्बादी
* भारत में हर वर्ष 6.7 करोड़ टन खाने की बर्बादी होती है, जिसकी कीमत 92 हजार करोड़ आंकी गई है। इतनी राशि से बिहार जितने बड़े राज्य को एक वर्ष तक खाना खिलाया जा सकता है।
* वैश्विक फूड वेस्ट से 3.5 गीगाटन कार्बन उत्सर्जन होता है, जिससे 394 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
* 2.1 करोड़ टन गेहूं की बर्बादी होती है। यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया के कुल वार्षिक उत्पादन से भी अधिक है।
* भारत में हर वर्ष 6.7 करोड़ टन खाने की बर्बादी होती है, जिसकी कीमत 92 हजार करोड़ आंकी गई है। इतनी राशि से बिहार जितने बड़े राज्य को एक वर्ष तक खाना खिलाया जा सकता है।
* वैश्विक फूड वेस्ट से 3.5 गीगाटन कार्बन उत्सर्जन होता है, जिससे 394 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
* 2.1 करोड़ टन गेहूं की बर्बादी होती है। यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया के कुल वार्षिक उत्पादन से भी अधिक है।
क्या करें
सही प्रबंधन के अभाव में फूड वेस्ट बढ़ता है। इस बर्बादी के कारण दुनिया की बड़ी आबादी भोजन से वंचित रह जाती है। आज कई तरह के ऐप्स हैं, जिनकी मदद से आप जरूरतमंदों तक बचा हुआ खाना पहुंचा सकते हैं। इससे मानवता की सेवा के साथ पर्यावरण की भी रक्षा होगी।
सही प्रबंधन के अभाव में फूड वेस्ट बढ़ता है। इस बर्बादी के कारण दुनिया की बड़ी आबादी भोजन से वंचित रह जाती है। आज कई तरह के ऐप्स हैं, जिनकी मदद से आप जरूरतमंदों तक बचा हुआ खाना पहुंचा सकते हैं। इससे मानवता की सेवा के साथ पर्यावरण की भी रक्षा होगी।