ऐसे खाली होता गया पूरा परिवार
इस परिवार पर कोरोना का कहर 10 जुलाई से शुरू हो गया जब धनबाद के कोविड अस्पताल में उपचार करवा रहे मृत महिला के एक संक्रमित बेटे की मौत हो गई। इसके बाद तो जैसे परिवार में मौत की झड़ी लग गई। 11 जुलाई को धनबाद के ही एक अस्पताल में दूसरे संक्रमित बेटे ने भी दम तोड़ दिया। फिर, 12 जुलाई के तीसरे बेटे की रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में मौत हो गई। परिवार में बारी-बारी से लोगों की मौत होती रही, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं। 16 जुलाई को मृत वृद्धा का कैंसर से पीडि़त चौथे बेटे का पूर्वी ङ्क्षसहभूम जिले में जमशेदपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद 19 जुलाई को रांची के एक अस्पताल में पांचवे बेटे ने भी दम तोड़ दिया। वृद्धा के सभी बेटों की उम्र 60 से 70 वर्ष बताई जाती है। कोरोना संक्रमण से इस परिवार में अबतक वृद्धा समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, छह अन्य सदस्य रांची के सेंट्रल कोल फील्ड्स(सीसीएल) कोविड अस्पताल में भर्ती हैं। अब वृद्धा का एकमात्र बेटा बचा है, जो दिल्ली में रहता है और जिसके साथ वृद्धा रहती थी।
इस परिवार पर कोरोना का कहर 10 जुलाई से शुरू हो गया जब धनबाद के कोविड अस्पताल में उपचार करवा रहे मृत महिला के एक संक्रमित बेटे की मौत हो गई। इसके बाद तो जैसे परिवार में मौत की झड़ी लग गई। 11 जुलाई को धनबाद के ही एक अस्पताल में दूसरे संक्रमित बेटे ने भी दम तोड़ दिया। फिर, 12 जुलाई के तीसरे बेटे की रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में मौत हो गई। परिवार में बारी-बारी से लोगों की मौत होती रही, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं। 16 जुलाई को मृत वृद्धा का कैंसर से पीडि़त चौथे बेटे का पूर्वी ङ्क्षसहभूम जिले में जमशेदपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद 19 जुलाई को रांची के एक अस्पताल में पांचवे बेटे ने भी दम तोड़ दिया। वृद्धा के सभी बेटों की उम्र 60 से 70 वर्ष बताई जाती है। कोरोना संक्रमण से इस परिवार में अबतक वृद्धा समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, छह अन्य सदस्य रांची के सेंट्रल कोल फील्ड्स(सीसीएल) कोविड अस्पताल में भर्ती हैं। अब वृद्धा का एकमात्र बेटा बचा है, जो दिल्ली में रहता है और जिसके साथ वृद्धा रहती थी।