त्याहारों और शादी विवाह के सीजन में लापरवाही आम लोगों के लिए भारी पड़ सकती है। कोरोना की दूसरी लहर अब भी लोगों की जान ले रही है, जबकि कई राज्यों के आंकड़े फिर से बढऩे लगे हैं, विशेषकर दक्षिण राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे लगे। नगर निगम के एक अधिकारी का कहना है कोरोना का यही ट्रेंड है। अभी कहना मुश्किल है कि तीसरी की शुरूआत हो चुकी है या नहीं। हमें थोड़ा और इंतजार करना पडेगा। आशंका है कि कोरोना का तीसरी लहर जल्द ही दस्तक दे सकता है। इसलिए यह समय बेहद सतर्क रहने का है। इसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश न रखें।
दक्षिण राज्यों ने बढ़ाई चिंता
तमिलनाडु में 69 दिनों के बाद नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। गुरुवार को यहां कुल 1859 नए मामले आए, जबकि इससे पहले 1700 के करीब मामले आए थे। राज्य में 21 हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं। केरल ने महामारी पर पूरी तरह लगाम लगा दिया था। लेकिन एक बार फिर केरल से काफी संख्या में नए मामले सामने आने लगे हैं। केरल (22,064) के बाद आंध्र प्रदेश (2107), कर्नाटक (2052) और तमिलनाडु (1859) ऐसे राज्य हैं, जहां पर गुरुवार को सबसे अधिक कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं।
त्योहारों में संयम जरूरी
अगस्त महीना शुरू होने वाला है। सावन चल रहा है। मंदिरों में सोमवार को श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिल रही है। अगस्त में सावन के अलावा कई व्रत एवं त्योहार भी हैं। कामिका एकादशी, कृष्ण प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि, हरियाली तीज, नागपंचमी, श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत, ओणम पर्व, रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी का त्योहार हैं। त्योहारों में संयम बेहद जरूरी है।
दुकानदार व ग्राहक भी लापरवाह
चेन्नई नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में भी खरीदारों की संख्या बढऩे की उम्मीद है। वहीं कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में कमी आने से चेन्नईवासी महामारी को लेकर अधिक गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। बाजार में कई व्यापारी और खरीदारी के लिए पहुंचने वाले ग्राहक मास्क तो लगा रहे हैं लेकिन उससे ठीक तरीके से चेहरा नहीं ढक रहे हैं। जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिना मास्क के ही दिख रहे हैं। अधिकांश दुकानदारों की ओर से दुकानों में न तो शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है और न ही सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। ऐसे में यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।
प्रोटोकॉल का पालन करना न भूलें
स्थिति सामान्य होने के बाद कई राज्यों में लोगों की अप्रत्याशित भीड़ देखने को मिली। कई राज्यों ने पूरी पाबंदियां हटा ली हैं, ऐसे में आम लोगों की जिम्मेवारी बनती है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना केवल अपनी ही नहीं दूसरों की जान भी खतरे में डालना है। यहीं वजह है कि दक्षिण भारत के राज्यों में एक बार फिर नए मामलों की रफ्तार बढऩे लगी है।