इसमें उसने बताया कि उसके गांव स्थित कृषि भूमि का आवासीय पट्टा जारी करने के लिए तहसील में आवेदन किया था। पीडि़त की ओर से इसके लिए शुल्क भी जमा करा दिया गया था। परिवादी ने तारानगर तहसील कार्यालय में कार्यरत आरोपी कनिष्ठ लिपिक कमल कुमार सैनी से पट्टा के संबंध में बात की। इस पर आरोपी की ओर से पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत मांगी गई।
शिकायत सत्यापन के बाद कार्रवाई एसीबी की ओर से शिकायत का सत्यापन कराया गया। जो सही पाई गई। इस पर टीम की ओर से योजनाबद्ध तरीके से आरोपी कनिष्ठ लिपिक कमल कुमार सैनी को 15 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिफ्तार कर लिया गया। एसीबी आरोपी लिपिक के अन्य मामले भी तलाश कर रही है।
नए साल में दूसरी कार्रवाई उल्लेखनीय है कि नए साल में एसीबी की दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले साल की पहली तारीख को ही एसीबी ने कस्बा बीदासर जोधपुर डिस्कॉम कार्यालय के एक सीसीए कर्मचारी रामसिंह को घरेलू बिजली कनेक्शन की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।