10वीं के रिजल्ट में भोपाल का अनूठा रिकॉर्ड: 3 दशक बाद सब पास, इससे पहले 1984 में हुए भोपाल गैस कांड पर मिला था सबको जनरल प्रमोशन

स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बोर्ड आफिस पहुंचकर रिजल्ट जारी किया, वेबसाइट ओवरलोड होने के कारण परिणाम घोषित होने में 7 मिनट की देरी हुई।

<p>10वीं के रिजल्ट में भोपाल का अनूठा रिकॉर्ड: 3 दशक बाद सब पास, इससे पहले 1984 में हुए भोपाल गैस कांड पर मिला था सबको जनरल प्रमोशन</p>
भोपाल. कोराना के कारण इस साल सभी विद्यार्थी उत्तीर्ण हो गए हैं, लेकिन राजधानी में ऐसा करीब तीन दशक पहले भी हो चुका है, जब गैस कांड के चलते सभी कक्षाओं में जनरल प्रमोशन मिला था। शहर के इतिहास में दूसरा मौका है, जब 10वीं के सभी विद्यार्थी पास हुए हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बोर्ड आफिस पहुंचकर रिजल्ट जारी किया। बोर्ड को चार बजे रिजल्ट जारी करना था, लेकिन इस समय बोर्ड की वेबसाइट पर इतना ट्रैफिक आ गया कि साइट ही ओवरलोड हो गई और रिजल्ट ही जारी नहीं हो सका। अधिकारियों ने तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से स्थिति को संभाला और आखिर में चार बजकर सात मिनट पर रिजल्ट जारी हुआ।
स्क्रीन पर आया सौरभ का रिजल्ट, समझ लिया टॉपर
रिजल्ट जारी होने के साथ जैसे ही रिजल्ट प्रोजेक्टर पर दिखाया गया, तो छात्र सौरभ साहू का नाम स्क्रीन पर आया। लोगों ने एकबारगी उसे स्टेट टॉपर समझ लिया, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि यह मॉडल स्कूल का छात्र है, इसका रिजल्ट प्रतीकात्मक तौर पर दर्शाया है, बाकी विद्यार्थियों का रिजल्ट रोल नम्बर डालने पर दिख सकेगा। विवेक साहू के पुत्र सौरभ के 96 फीसदी अंक आए हैं।
उत्कृष्ट विद्यालय के 99 फीसदी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में पास
पिछले कई सालों से 100 फीसदी रिजल्ट देने वाले उत्कृष्ट विद्यालय ने इस वर्ष 100 फीसदी रिजल्ट के साथ प्रथम श्रेणी में शामिल विद्यार्थियों के मामले में भी रिकार्ड तोड़ दिया। प्राचार्य सुधाकर पाराशर ने बताया कि, हाई स्कूल परीक्षा में 308 विद्यार्थी दर्ज थे, इसमें से सभी ने परीक्षा दी और सभी पास हुए। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि कुल 308 में से 305 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में आए वहीं दो विद्यार्थी 59 फीसदी अंक लेकर आए तो एक के 58 फीसदी अंक आए।
विशेषज्ञ बोले: 10वीं की श्रेणी सुधार से ज्यादा भविष्य पर फोकस करें
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हाईस्कूल परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट विद्यार्थियों को अपना रिजल्ट सुधारने विशेष परीक्षा का विकल्प उपलब्ध है, पर मेधावी विद्यार्थियों का मन इस परीक्षा पर जाने का नहीं दिख रहा। वहीं जानकारों का भी कहना है कि विद्यार्थियों को 11वीं की पढ़ाई शुरू करते हुए भविष्य के लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए। शिक्षाविद् डॉ. एसएन राय का कहना है कि हालांकि बोर्ड ने विशेष परीक्षा का विकल्प उपलब्ध कराया है, लेकिन सितम्बर में परीक्षा होगी और उसके बाद जब तक रिजल्ट आएगा, उन प्रतिशतों का महत्व खत्म हो जाएगा, अधिकतर विद्यार्थी 11वीं में अच्छा स्कूल, मनपसंद स्ट्रीम चुनने के लिए अंकों के आधार पर प्रवेश लेते हैं, लेकिन इस वर्ष यदि विशेष परीक्षा देकर कुछ प्रतिशत बढ़ा भी लिए तो 11वीं की पढ़ाई इतने आगे बढ़ जाएगी कि वे इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे फिर भविष्य में अधिकतर विद्यार्थियों की 12वी की अंकसूची ही काम आएगी ऐसे में 10वीं पर अटके रहने का कोई औचित्य नहीं दिख रहा।
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