रातोंरात लोकप्रिय हो गया वल्र्डोमीटर
जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑटोमोबाइल उत्पादों के आंकड़े देने वाली वेबसाइट वल्र्डोमीटर कोरोना अपडेट्स के कारण रातोंरात लोकप्रिय हो गई। गूगल पर कोरोनावायरस के आंकड़ों की खोज में वल्र्डोमीटर शीर्ष पर है। सोशल मीडिया टै्रफिक का आकलन करने वाली कंपनी बज सूमो के मुताबिक, छह माह में इसके पेज 25 लाख से अधिक बार शेयर किए गए, जो पिछले वर्ष महज 65 बार था। वर्तमान में वल्र्डोमीटर का स्वामित्व अमरीकी कंपनी डैडेक्स के पास है। लेकिन आंकड़ों को लेकर वल्र्डोमीटर पर भी सवाल उठने लगे हैं।
जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑटोमोबाइल उत्पादों के आंकड़े देने वाली वेबसाइट वल्र्डोमीटर कोरोना अपडेट्स के कारण रातोंरात लोकप्रिय हो गई। गूगल पर कोरोनावायरस के आंकड़ों की खोज में वल्र्डोमीटर शीर्ष पर है। सोशल मीडिया टै्रफिक का आकलन करने वाली कंपनी बज सूमो के मुताबिक, छह माह में इसके पेज 25 लाख से अधिक बार शेयर किए गए, जो पिछले वर्ष महज 65 बार था। वर्तमान में वल्र्डोमीटर का स्वामित्व अमरीकी कंपनी डैडेक्स के पास है। लेकिन आंकड़ों को लेकर वल्र्डोमीटर पर भी सवाल उठने लगे हैं।
डेटा संकलन में राजनीति दखल में राजनीतिक कर लीजिए
अपने डेटा की विश्वसनीयता पर वल्र्डोमीटर के संपादक मारियो गोमेज का कहना है कि कोविड-19 का डेटा दुनियाभर में प्रेस ब्रीफिंग, लाइव स्ट्रीमिंग और आउटसोर्सिंग के जरिए बहुभाषी टीम से प्राप्त होता है। इसके बाद विश्लेषण और शोधकर्ताओं की टीम इनका परीक्षण करती है। दूसरी ओर विकिपीडिया के एडिटर्स ने वल्र्डोमीटर के आंकड़ों से बचने की सलाह दी है। येल यूनिवर्सिटी के वर्जीनिया पित्जर का कहना है कि वल्र्डोमीटर एक वैध वेबसाइट है, लेकिन उसे खामियों और विसंगतियों का अध्ययन कर डेटा जारी करना चाहिए। क्योंकि इसमें गलतियां पहले भी मिली हैं, जैसे 24 अपे्रल को वल्र्डोमीटर ने ठीक होने वालों की संख्या 18 हजार बताई, जबकि स्पेन सरकार ने उसी दिन इसे 3105 बताया। स्पैनिश रिसर्च काउंसिल के प्रोफेसर रॉबर्टो रॉड्रिग्ज का तर्क है कि डेटा संकलन में राजनीतिक दखल भी नजर आता है। जॉन हॉपकिन्स के लॉरेन गार्डनर का कहना है कि हम डैशबोर्ड पर लाने से पहले दो चरणों में आंकड़ों की विसंगति को तलाशते हैं।
अपने डेटा की विश्वसनीयता पर वल्र्डोमीटर के संपादक मारियो गोमेज का कहना है कि कोविड-19 का डेटा दुनियाभर में प्रेस ब्रीफिंग, लाइव स्ट्रीमिंग और आउटसोर्सिंग के जरिए बहुभाषी टीम से प्राप्त होता है। इसके बाद विश्लेषण और शोधकर्ताओं की टीम इनका परीक्षण करती है। दूसरी ओर विकिपीडिया के एडिटर्स ने वल्र्डोमीटर के आंकड़ों से बचने की सलाह दी है। येल यूनिवर्सिटी के वर्जीनिया पित्जर का कहना है कि वल्र्डोमीटर एक वैध वेबसाइट है, लेकिन उसे खामियों और विसंगतियों का अध्ययन कर डेटा जारी करना चाहिए। क्योंकि इसमें गलतियां पहले भी मिली हैं, जैसे 24 अपे्रल को वल्र्डोमीटर ने ठीक होने वालों की संख्या 18 हजार बताई, जबकि स्पेन सरकार ने उसी दिन इसे 3105 बताया। स्पैनिश रिसर्च काउंसिल के प्रोफेसर रॉबर्टो रॉड्रिग्ज का तर्क है कि डेटा संकलन में राजनीतिक दखल भी नजर आता है। जॉन हॉपकिन्स के लॉरेन गार्डनर का कहना है कि हम डैशबोर्ड पर लाने से पहले दो चरणों में आंकड़ों की विसंगति को तलाशते हैं।
कोरोना अपडेट में आगे ये वेबसाइट
वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय, वल्र्डोमीटर, सीडीसी (अमरीका) आदि। इसके अलावा शोध और अनुसंधान में लाइव साइंस, न्यसाइंटिस्ट, नेचर जैसी साइट्स खंगाल रहे हैं।
वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन, जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय, वल्र्डोमीटर, सीडीसी (अमरीका) आदि। इसके अलावा शोध और अनुसंधान में लाइव साइंस, न्यसाइंटिस्ट, नेचर जैसी साइट्स खंगाल रहे हैं।