रोमियो के पापा भी इस मिशन में सुरक्षा के चलते शामिल हो गए। लंदन से पलेर्मो तक की करीब 2800 किमी की दूरी रोमियो ने 3 महीने में रोज सुबह 4.30 बजे उठकर करीब 20 किमी प्रतिदिन चलकर पूरी की।
इतना ही नहीं, रोमियो इस यात्रा के जरिए शरणार्थियों की तकलीफों के प्रति दुनिया को जागरूक भी करना चाहते थे। साथ ही मदद के लिए ऑनलाइन फंडरेजर के जरिए 16 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि भी जुटाई।
14 दिन क्वारंटीन रहने के बाद रोमियो आखिर 90 दिनों की थका देने वाली यात्रा के बाद अपनी दादी से मिलने में कामयाब रहे। उनकी दादी को जब रोमोयो कि इस जद्दोजहद का पता चला तो वो उसे गले लगाकर रो पड़ी। सच ही कहा है ‘प्यार न जाने दिलों की दूरिया।’